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55 साल के आईटीबीपी कमांडेंट रतन सिंह ने -30 डिग्री में पूरी की 65 पुशअप्स, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल, आप भी देखिये जवान का हौंसला

By on February 25, 2022 0 346 Views

नई दिल्ली : भारत की सरहदों पर तैनात भारतीय सीमा सुरक्षा बल (आईटीबीपी) के जवान और अधिकारी देशवासियों के अमन-चैन के लिए दिन-रात चौकस रहते हैं, ताकि दुश्मन की नापाक निगाहें और हरकतें उनका कोई नुकसान न पहुंचा सके. अदम्य साहस और उत्साह के साथ वे देशवासियों की सुरक्षा में हमेशा तत्पर रहते हैं. लेकिन, ये जवान और अधिकारी शौकिया तौर पर कई ऐसे कारनामे भी कर जाते हैं, जो दुनिया में एक नई मिसाल या रिकॉर्ड बन जाता है. ऐसा ही कारनामा बुधवार को आईटीबीपी के 55 वर्षीय कमांडेंट रतन सिंह सोनल ने कर दिखाया है. उनके इस कारनामे का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.

-30 डिग्री में पूरी की 65 पुशअप्स

समाचार एजेंसी एएनआई के एक ट्वीट के अनुसार, भारतीय सीमा सुरक्षा बल (आईटीबीपी) के 55 वर्षीय कमांडेंट रतन सिंह सोनल ने लद्दाख में करीब 17,500 फीट की ऊंचाई और करीब -30 डिग्री सेल्सियस तापमान में सफलतापूर्वक 65 पुशअप्स मारने का रिकॉर्ड कायम किया है. उनके इस पुशअप्स पूरा करने वाला वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

 

आठवीं सबसे ऊंची चोटी माउंट मैनास्लू को किया था फतह

बताते चलें कि रतन सिंह सोनल ने दुनिया की आठवीं सबसे ऊंची चोटी माउंट मैनास्लू को फतह करके दुनिया में एक नया रिकॉर्ड कायम कर चुके हैं. आईटीबीटी के कमांडेंट रतन सिंह सोनल और डिप्टी कमांडेंट अनूप कुमार ने 25 सितंबर 2021 को इस चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की. इस चोटी की ऊंचाई समुद्र तल से 8,163 मीटर (26781 फीट) है. इस पर्वतारोहन अभियान की शुरुआत 7 सितंबर 2012 को हुई थी.

 

रतन सिंह सोनल ने कई उपलब्धियां हासिल की

मूल रूप से उतराखंड के कुमायूं घाटी के पिथौरागढ़ के रहने वाले कमांडेंट रतन सिंह सोनल 1988 बैच में सबइंस्पेक्टर के पद पर आईटीबीपी में भर्ती हुए थे. उन्होंने अपने सेवाकाल के दौरान कई बड़ी उपलब्धियां की हैं.

1962 में हुआ था आईटीबीपी का गठन

बता दें आईटीबीपी की स्थापना 24 अक्टूबर, 1962 को हुई थी. आईटीबीपी के जवान मुख्य रूप से लद्दाख में काराकोरम दर्रे से अरुणाचल प्रदेश में जाचेप ला तक 3,488 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा की सुरक्षा के लिए तैनात है. इसके अलावा बल कई आंतरिक सुरक्षा कार्यों और छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित इलाकों में भी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. बल की अधिकांश सीमा चौकियां 9,000 फीट से 18,800 फीट तक की ऊंचाइयों पर स्थित हैं, जहां तापमान शून्‍य से 45 डिग्री सेल्शियस तक नीचे चला जाता है.