
मंत्रिमंडल में आशा को ‘आस’ तो भरत चौधरी को भी पूरा ‘विश्वास’, समर्थकों ने उठाई ‘मंत्री’ बनाने की आवाज
रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं के बाद एक बार फिर से रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी और केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल को मंत्रिमंडल में जगह देने की आवाज उठने लगी है. इसको लेकर उनके समर्थक सरकार पर दबाव बनाने में लगे हैं. जबकि, सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपनी आवाज को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे. साथ ही अपने-अपने विधायकों की तारीफों के पुल बांध रहे हैं. ऐसे में जिले की जनता भी देहरादून की ओर नजर गड़ाए हुए हैं.
रुद्रप्रयाग जिले में कैबिनेट विस्तार की खबरों से चर्चाओं का बाजार गर्म
कैबिनेट में विस्तार की खबरों ने रुद्रप्रयाग जिले में चर्चाओं के बाजार को गर्म कर दिया है. आलम ये है कि शहर और ग्रामीण इलाकों में यही चर्चा चल रही है कि आखिरकार मंत्रिमंडल में जगह किसको मिलने जा रही है. शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पद से इस्तीफा देने के बाद प्रदेश में पांच सीटें मंत्रिमंडल को लेकर बची हुई हैं.
ऐसे में जिले की जनता की उम्मीदें कुछ ज्यादा ही बढ़ गई हैं और उन्हें उम्मीद है कि इस बार जरूर केदारनाथ या रुद्रप्रयाग विधानसभा पर प्रदेश सरकार कृपा बरसा सकती है. ऐसे में विधायकों के कार्यकर्ता सोशल मीडिया के माध्यम अपनी आवाज को प्रदेश सरकार तक पहुंचाने के लिए जीतोड़ मेहनत में जुटे हुए हैं.
केदारनाथ विधानसभा के कार्यकर्ता जहां आशा नौटियाल के तीसरी बार विधायक बनने और उनके सौम्य व्यवहार को देखते हुए उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने की मांग कर रहे हैं तो वहीं रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी के कार्यों को देखते हुए मंत्रिमंडल में शामिल करने की मांग उनके समर्थक कर रहे हैं.
समर्थकों की मांग, भरत सिंह चौधरी को मंत्रिमंडल में मिले जगह
कार्यकर्ता सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदेश सरकार तक यह संदेश देना चाह रहे हैं कि रुद्रप्रयाग विधानसभा में भरत सिंह चौधरी ने कम समय में विधानसभा में सड़कों का जाल फैलाया. जबकि, शिक्षा के क्षेत्र में विधानसभा को नर्सिंग कॉलेज की सौगात दी. इसके अलावा पेयजल को लेकर भी करोड़ों की योजनाओं के निर्माण कार्य चल रहे हैं.
समर्थकों का कहना है कि विधायक भरत सिंह चौधरी को संस्कृत का भी ज्ञान है. उन्हें उत्तराखंड विधानसभा में संस्कृत भाषा प्रोत्साहन समिति के सभापति की जिम्मेदारी भी मिली है. ऐसे में उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है तो गढ़वाल क्षेत्र का चहुंमुखी विकास होगा.
आशा नौटियाल को मंत्रिमंडल में शामिल करने की मांग कर रहे समर्थक
वहीं, दूसरी ओर केदारनाथ विधानसभा से आशा नौटियाल के समर्थक भी सोशल मीडिया के साथ ही अन्य साधनों से उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने की बात कह रहे हैं. उनकी मानें तो अब तक केदारनाथ विधानसभा को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है. प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाकर आशा ने जहां महिलाओं को मजबूत करने का काम किया है तो वहीं उन्होंने केदारनाथ सीट को जीतकर बीजेपी की झोली में डाला है.
इसके अलावा केदारनाथ धाम में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत निर्माण कार्य तेजी के साथ किए जा रहे हैं. अगर उन्हें मंत्रिमंडल में जिम्मेदारी मिलती है तो वे महिलाओं के विकास के साथ ही केदारघाटी में भी तेजी के साथ काम कर पाएंगी. उनके समर्थक प्रदेश सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए जीतोड़ मेहनत में जुटे हुए हैं.
अब तक केदारनाथ विधानसभा को नहीं मिला मौका
अब तक के इतिहास पर नजर डालें तो उत्तराखंड राज्य गठन के बाद रुद्रप्रयाग विधानसभा को दो बार मंत्रिमंडल में जगह मिल चुकी है. जबकि, केदारनाथ विधानसभा को एक बार भी मौका नहीं मिला है. रुद्रप्रयाग विधानसभा से 2007 में पूर्व विधायक मातबर सिंह कंडारी को मंत्रिमंडल में जगह मिली थी तो साल 2012 में हरक सिंह रावत मंत्रिमंडल में रहे.
इसके बाद साल 2017 से अब तक रुद्रप्रयाग विधानसभा का नेतृत्व भरत सिंह चौधरी संभाल रहे हैं. विधायक चौधरी के समर्थक जहां उनके कार्यों की उपलब्धियों के दम पर उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने की मांग कर रहे हैं तो वहीं केदारनाथ विधानसभा को अब तक मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से विधायक आशा नौटियाल के समर्थक आस लगाए हुए हैं.