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उत्तराखंड के “दलों मे दंगल” कांग्रेस मे कलह, भँवर मे भाजपा, झाड़ू मे झंझट, कब निपटेगा संकट ?

By on July 6, 2022 0 130 Views

देहरादून: उत्तराखंड मे भले ही विधानसभा चुनाव बीत चुका हो लेकिन राजनीतिक दलों मे दंगल लगातार जारी है कांग्रेस मे नेता एक दूसरे को नीचा दिखाने के अलावा हार पर रार बढ़ा रहें है तो बीजेपी मे गद्दारों को पार्टी के मंच पर बैठाने की मुखालफत हो रही है उधर आम आदमी पार्टी तो अपना प्रदेश अध्यक्ष ही बनाने के लिए तैयार नहीं है। ताजा मामला काशीपुर का है जहां चुनाव के वक़्त की अदावत को अभी भी हवा मिल रही है काशीपुर में टिकट का विरोध करने की पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा की कसक रह रहकर निकल रही है। पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने कहा कि पार्टी के गद्दारों को मंच पर बैठा कर सम्मानित किया जा रहा है। जबकि उन्हें पार्टी में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि वह अपनी आत्मा से स्वयं पूछे कि क्या वह भाजपा के सच्चे शुभचिंतक हैं?

उधर कांग्रेस मे तनातनी जारी है 2016 मे कांग्रेसियों के दल बदल के बाद पार्टी 2 बार हार भी गई लेकिन हार पर रार के अलावा द्लबदल का भूत अभी ज़िंदा है हरीश रावत और प्रीतम 2016 मे हुए दलबदल और विधानसभा चुनाव मे हुई हार का ठींकरा एक दूसरे पर फोड़ रहे हैं फिलहाल इस पूरे मामले मे उत्तराखंड कांग्रेस के नए कप्तान करन माहरा बीच मे कूद पड़े हैं उन्होने दोनों नेताओं को सख्त हिदायत दी है की ज़ुबान पर कंट्रोल रखें इससे पार्टी को नुकसान तो होगा ही साथ मे कार्यकर्ताओं का मनोबल भी टूटेगा। यानि नए कप्तान को दो सीनियर नेताओं को जुबान पर लगाम रखने के लिए सम्झना पड़ रहा है।

उत्तराखंड की नई नवेली पार्टी यानि आप तो अध्यक्षों से जूझ रही है आप को ये खौफ है की अगर कोई नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया तो कहीं बीजेपी के पाले मे न गिर जाए क्योंकि पहले ऐसा हो चुका है पहले आप के सीएम पद के उम्मीदवार कर्नल कोठियाल ने छलांग लगाई, आप के वरिष्ठ नेता भूपेश उपाध्याय ने भी झाड़ू छोड़ कमल थामा फिर  1 महीने पद पर रहने के बाद  आप के नए प्रदेश अध्यक्ष भी आप को सदमा देकर बीजेपी की शरण मे पहुँच गए। अब आप को शायद ये डर सता रहा है की अगर आप मे कोई प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया तो वो बीजेपी की ही गोद मे जाकर बैठेगा।

फिलहाल तीनों पार्टियों मे दंगल जारी है कांग्रेस मे कलह है तो भँवर मे भाजपा है उधर झाड़ू मे झंझट है । अब देखने वाली बात ये होगी की भाजपा मे बीजेपी के पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा की बात पर पार्टी कितना गौर करती है और कांग्रेस मे प्रदेश अध्यक्ष की नसीहत को हरदा और प्रीतम कितनी तरजीह देते और देखने वाली बात ये भी होगी की क्या आम आदमी पार्टी को उत्तराखंड मे कोई स्थायी प्रदेश अध्यक्ष मिलेगा?