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धामी सरकार के काम पर जश्न, CONG मे टीम पर टेंशन
देहरादून: उत्तराखंड मे पुष्कर सिंह धामी सरकार पार्ट 2 का एक माह का कार्यकाल पूरा हो चुका है। एक माह की अवधि में सरकार ने चुनाव के दौरान जारी दृष्टि पत्र को अमली जाना पहनना शुरू कर दिया है जिससे केंद्रीय नेत्रत्व धामी सरकार से बेहद खुश है। धामी सरकार ने पिछले 1 माह मे भ्रष्टाचार पर प्रहार के साथ पारदर्शी प्रशासन देने का संदेश दिया, साथ में समान नागरिक संहिता को लागू करने और प्रदेश में कानून-व्यवस्था पुख्ता करने को व्यापक सत्यापन अभियान चलाने का संकल्प दर्शाया है। इसके साथ ही सरकार ने उत्तराखंड मे नागरिकों का सत्यापन अभियान चलाने का बीड़ा भी उठाया है इसमें अवैध रूप से रह रहे व्यक्तियों को चिह्नित करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सरकार ने तीर्थाटन को बढ़ावा देने के लिए सभी मंदिरों और गुरुद्वारों में भौतिक ढांचे और परिवहन सुविधाओं को विस्तार देने की योजना बनाई है। प्रदेश सरकार ने महीने भर के कार्यकाल में वृद्धावस्था पेंशन में पति व पत्नी दोनों को लाभ देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। वृद्धावस्था, निराश्रित, विधवा भरण पोषण अनुदान तथा दिव्यांग पेंशन योजना के तहत 300 रुपये की वृद्धि की गई है। पर्वतीय क्षेत्रों में रोप वे निर्माण को पर्वतमाला परियोजना का खाका तैयार किया जा चुका है । चुनाव से पहले तीन सिलिंडर मुफ्त देने के वायदे को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यानि केंद्रीय नेत्रत्व ने जो उत्तराखंड के विकास का सपना देखा था वो सपना धामी पूरा करने मे लगे हैं और 1 महीने मे ही धामी ने साबित कर दिया की सीएम धामी फ्लावर नहीं फायर हैं 1 महीने मे धामी सरकार द्वारा लिए गए फैसलों से केंद्रीय नेत्रत्व काफी खुश है। अब बीजेपी धामी सरकार के 1 माह के कार्यकाल को जनता तक पहुँचने का काम करेगी।
एक तरफ जहां धामी का 1 माह का कार्यकाल पूरा हो चुका है वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नई टीम बनाने की जुगत मे हैं आपको बता दें बकौल करन माहरा कांग्रेस एक मुख़तसर सी टीम बनाएगी लेकिन वो टीम दमदार होगी। लेकिन सवाल ये है की कांग्रेस पहले ही कई गुटों मे बटी है हरीश रावत, गुट प्रीतम सिंह गुट मे लगातार अनबन देखने को मिलती है अगर नये प्रदेश अध्यक्ष ने किसी भी गुट के नेताओं को नज़रअंदाज़ किया तो कांग्रेस मे फिर बगावती सुर देखने को मिल सकते हैं और क्योंकि ज़हीर से बात है चोटी टीम मे कम ही लोगों को सम्मलित किया जाएगा और कई पादहीकारियों की छुट्टी भी होगी। कांग्रेस पहले ही असंतोष से गुज़र रही है ये असंतोष नेता प्रतिपक्ष, प्रदेश अध्यक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष की ताजपोशी मे भी कुलकर सामने आया था जब प्रोग्राम मे कांग्रेस के ज़्यादातर विधायक नदारद रहे थे और तीनों ही नये पदाधिकारियों का विरोध हुआ था। अब नई टीम का गठन कांग्रेस के लिए नई चुनौती बन सकता है अब प्रदेश अध्यक्ष कैसे इस चुनौती से निपटकर पार्टी को एकजुट करेंगे और कांग्रेस के नाराज़ विधायकों और पदाधिकारियों की नाराजगी कैसे दूर करेंगे ये देखने वाली बात होगी।