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केंद्रीय सांख्यिकी संगठन की रिपोर्ट में, महंगे राज्यों की टॉप-10 सूची में उत्तराखंड शामिल…

By on October 28, 2022 0 99 Views

देहरादून: केंद्रीय सांख्यिकी संगठन की रिपोर्ट में सामने आया है कि उत्तराखंड में मुद्रा स्फीति की दर देश की मुद्रा स्फीति से भी ज्यादा है। राज्य में मुद्रा का प्रवाह ज्यादा होने से महंगाई भी बढ़ रही है। यह रिपोर्ट राज्य के लिए चिंताजनक है।  रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी व्यय में निरंतर वृद्धि के कारण अर्थव्यवस्था में अधिक मुद्रा प्रवाह हुआ है। इस वजह से सामान्यजन की क्रय क्षमता को बढ़ाया जाता है जिससे महंगाई भी बढ़ती है। कोविड महामारी के दौरान मुद्रा स्फीति की दर आंकने में कई बार बाधा भी आई। देश में जून 2021 में मुद्रा स्फीति की दर 5.32 फीसदी थी जो जुलाई 2021 तक निरंतर बढ़ती रही। इसके सापेक्ष राज्य में साल 2021 में मुद्रा स्फीति की दर 5.57 फीसदी थी। यह माह दिसंबर 2021 में सर्वाधिक 5.83 फीसदी थी।

साल 2021 के जून में देश में 6.26 फीसदी जबकि राज्य में 5.32 फीसदी थी। इसके अलावा अगस्त में देश की मुद्रा स्फीति की दर 5.30 फीसदी जबकि राज्य में 5.25 फीसदी रही। इनके अलावा बाकी किसी महीने में उत्तराखंड की मुद्रा स्फीति की दर देश की मुद्रा स्फीति की दर से कम नहीं रही है। रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2022 से मार्च 2022 तक राज्य में मुद्रा स्फीति की दर में लगातार बढ़ोतरी हुई है।

साल 2021 में भारत और उत्तराखंड में मुद्रा स्फीति की दर
माह भारत उत्तराखंड
जनवरी 4.06 5.57
फरवरी 5.03 6.14
मार्च 5.52 6.40
अप्रैल 4.23 –
मई 6.30 –
जून 6.26 5.32
जुलाई 5.59 5.80
अगस्त 5.30 5.25
सितंबर 4.35 4.35
अक्तूबर 4.48 4.61
नवंबर 4.91 5.16
दिसंबर 5.59 5.83
नोट-आंकड़े केंद्रीय सांख्यिकी संगठन की रिपोर्ट के अनुसार

सबसे अधिक महंगाई वाले राज्यों में उत्तराखंड शामिल
केंद्रीय सांख्यिकी, कार्यक्रम एवं क्रियान्वयन मंत्रालय के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड में बीते वित्तीय वर्ष में औसत मुद्रास्फीति दर ज्यादा रही है। इस वजह से उत्तराखंड महंगाई के मामले में देश के टॉप-10 राज्यों में शामिल है।

राज्य महंगाई दर
1- हरियाणा 7.23
2- पश्चिम बंगाल 7.11
3- जम्मू कश्मीर 6.74
4- तेलंगाना, हिमाचल 6.72
5- उत्तर प्रदेश 6.71
6- मध्य प्रदेश 6.52
7- महाराष्ट्र 6.47
8- उत्तराखंड 6.38
9- कर्नाटक 6.20
10- झारखंड 6.19
यूओयू में प्रबंधन विषय के प्रोफेसर और अर्थशास्त्री प्रो. आरसी मिश्रा का कहना है कि किसी राज्य में मुद्रास्फीति की दर ज्यादा होने की कई वजह हो सकतीं हैं। एक बड़ी वजह यह होती है कि अगर किसी राज्य की उत्पादक क्षमता कमजोर है तो वहां मुद्रास्फीति की दर ज्यादा होगी। साथ ही मुद्रास्फीति दो प्रकार की होती है। एक लागत पर और दूसरी मांग पर निर्भर होती है। अगर उत्तराखंड में मुद्रास्फीति की दर ज्यादा है तो इस मामले में राज्य सरकार के स्तर पर ज्यादा काम नहीं किया जा सकता है। इसमें केंद्र सरकार की बड़ी भूमिका होती है। हालांकि उत्तराखंड को अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाना चाहिए। इससे स्थानीय स्तर पर महंगाई कम होती है।