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उत्तराखंड: नई शिक्षा नीति आज से लागू,NEP अमल में लाने वाला बना देश का पहला राज्य, बाल-वाटिकाओं के उद्घाटन के साथ NEP का सीएम ने किया शुभारंभ

By on July 12, 2022 0 185 Views

देहरादून: उत्तराखंड नई शिक्षा नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य  बन गया है। आज यानि 12 जुलाई से नई शिक्षा नीति लागू कर दी गई हैँ। राज्य में सर्वप्रथम विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत प्राइमरी एजुकेशन में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को शुरू किया गया है। शिक्षा महानिदेशालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बालवाटिकाओं का उद्घाटन कर सूबे में नई शिक्षा नीति का विधिवत शुभारम्भ किया ।

इसके साथ ही सीएम धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड ने एनईपी लागू करने वाले देश के पहले राज्य बनने का गौरव भी हासिल किया। राज्य के समस्त जनपदों में विकासखंड स्तर पर चिन्हित को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों में वृहद रूप से बालवाटिकाओं का क्षेत्रीय विधायक एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उद्घाटन किया, जिसमें शिक्षाविद्, अभिभावक एवं छात्र-छात्राएं शामिल रहे । इसके साथ ही प्रथम चरण में शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालयों में संचालित पांच हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों में बालवाटिका कक्षाओं का संचालन शुरू हो जायेगा।
इसके अलावा सीएम ने प्राइमरी निदेशालय के भवन का भी उद्घाटन किया। इस दौरान सीएम धामी ने कहा:-

  1. पहले हम मैकाले की शिक्षा नीति पढ़ते थे लेकिन अब हम भारत की संस्कृति और सनातन शिक्षा नीति पढेंगे।
  2. यह शिक्षा नीति देश के भविष्य के लिए सार्थक साबित होगी
  3. नई शिक्षा नीति के माध्यम से नौनिहालों को व्यवहारिक, सांस्कृतिक, आर्थिक विद्वता और गुण मिलने वाला है।
  4. हम जिस भवन का शिलान्यास करते हैं उसका लोकार्पण भी करेंगे शिलान्यास करके नहीं छोड़ना है।
  5. शिक्षा विभाग को यदि डीपीआर बढ़ाना है वह बढ़ा दें इसमें किसी प्रकार की कमी नहीं आनी चाहिए।
  6. 2030 तक नई शिक्षा नीति उत्तराखंड में पूरी तरह लागू कर दी जाएगी ।
  7. शिक्षा नीति कुछ दिनों के लिए ही नहीं बल्कि उनके संपूर्ण जीवन में खुशहाली लाने का काम करेगी।
  8. निजी स्कूलों की तरह ही सरकारी स्कूलों में भी प्री स्कूल की व्यवस्था हो रही है।
  9. प्रधानमंत्री जी के द्वारा जो नई शिक्षा नीति लाई गई है जिसमें एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना की गई है, इस शिक्षा नीति से विद्यार्थियों का बाहरी ही नहीं, उनके अंदर भी विकास होगा।
  10. शिक्षा नीति का एक उद्देश्य है कि आत्मनिर्भर बनें, एक भारत श्रेष्ठ भारत बने।
  11. आंगनबाड़ी से जुड़े सभी लोगों का अच्छा योगदान मिल रहा है।
  12. समान नागरिक संहिता कानून की कमेटी बना दी गई है,समिति ने काम करना शुरू कर दिया है, जनसंवाद कर वह अपना काम कर रही है।
  13.  पांच आंगनबाड़ी जिनका भवन जीर्ण-शीर्ण हो गया है उनकी मरम्मत की जाएगी मुख्यमंत्री ने इसकी भी घोषणा की।

नई शिक्षा नीति

  1.  पहले चरण में प्राथमिक स्कूलों में चल रहे पांच हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों में बाल वाटिकाओं का संचालन शुरू होगा। विकासखंड स्तर पर क्षेत्रीय विधायक एवं स्थानीय जन प्रतिनिधियों की मौजूदगी में चिह्नित आंगनबाड़ी केन्द्रों में बाल वाटिकाओं का शुभारंभ किया जाएगा। इसमें शिक्षाविद्, अभिभावक एवं छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहेंगे।
  2.  राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं शिक्षकों के लिए हस्तपुस्तिका, बच्चों के लिए स्वास्थ्य, संवाद और सृजन नाम की तीन अभ्यास पुस्तिकाएं तैयार की गई हैं।
  3. प्रदेश  के प्राथमिक स्कूल परिसर में 4447 आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं। इन केंद्रों में प्री प्राइमरी से कक्षाओं को शुरू कर छात्र-छात्राओं को कक्षा एक के लिए तैयार किया जाएगा। शिक्षा विभाग की ओर से प्री प्राइमरी को बालवाटिका नाम दिया गया है। विभाग की ओर से इसके लिए अगल से पाठ्यक्रम तैयार किया गया है ।

 

 20 हजार से अधिक हैं आंगनबाड़ी केंद्र

उत्तराखंड में 20 हजार 67 आंगनबाड़ी केन्द्र मंजूर हैं। इसमें से 20 हजार 17 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों में 14555 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तैनात हैं। इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों में 14249 सहायिकाएं एवं 4941 मिनीआंगनबाड़ी कार्यकत्रियां नियुक्त हैं।

कब आई थी नई शिक्षा नीति?

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 (New National Education Policy 2020) आरंभ की थी। जिसके तहत सरकार ने शिक्षा नीति में कई तरह के बदलाव किए। नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) के माध्यम से भारत को ‘वैश्विक ज्ञान महाशक्ति’ बनाना है। जिसके बाद से मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय को शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाता है।

NCC को प्रोत्साहन देने का भी प्रावधान

नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के अंतर्गत NCC को प्रोत्साहन देने का भी प्रावधान किया गया है। इसी के मद्देनजर यूजीसी (UGC) और एनआईसीटी (NICT) द्वारा एनसीसी को यूनिवर्सिटी में वैकल्पिक विषय (Optional Subject) के रूप में चुनाव करने का निर्णय लिया गया है। NCC के माध्यम से देश के विद्यार्थी अनुशासित एवं ‘देश भक्त’ बन पाएंगे।