Breaking News
  • Home
  • देश विदेश
  • BJP नेताओं ने गाजियाबाद DM को भेजे 700, चिट्ठी में लिखा- 50₹ प्रति चाय के हिसाब से काट लें, जानें क्यों?

BJP नेताओं ने गाजियाबाद DM को भेजे 700, चिट्ठी में लिखा- 50₹ प्रति चाय के हिसाब से काट लें, जानें क्यों?

By on December 25, 2023 0 378 Views

गाजियाबाद: यूपी के गाजियाबाद के बीजेपी नेताओं ने जिलाधिकारी (डीएम) पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि 24 दिसंबर को जब वे गेस्ट हाउस में सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए गए तो डीएम ने उन्हें अपमानित किया और सिर्फ चाय पिलाकर लौटा दिया. सीएम से नहीं मिलने दिया गया. इसीलिए उन्होंने डीएम को 50 रुपये प्रति चाय के हिसाब से 700 रुपए भेजे हैं. साथ में एक लेटर भी भेजा है, जिसमें पूरा मामला बताया गया है.

फिलहाल, सोशल मीडिया पर ये लेटर काफी वायरल हो रहा है. इसमें 12 बीजेपी नेताओं के नाम लिखे हैं. इन नेताओं में पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य, प्रदेश संयोजक, पूर्व महानगर अध्यक्ष भी शामिल हैं.

बीजेपी नेताओं के मुताबिक, गाजियाबाद में सीएम योगी के कार्यक्रम के दौरान उन्हें हाथों में एक-एक फूल देकर गेट के पास ही खड़ा कर दिया गया था. वार्ता स्थल के अंदर नहीं जाने दिया गया. जिसके चलते उनकी सीएम से मुलाकात नहीं हो पाई. शिकायत करने पर डीएम ने कहा कि आपका (नेताओं) सम्मान है, सम्मान में आपको चाय भी पिलाई गई है.

बीजेपी नेताओं ने डीएम को लिखे पत्र में क्या कहा

बीजेपी नेताओं की ओर से डीएम राकेश कुमार सिंह को लिखे लेटर में कहा गया- 24 दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री जी से मिलने व वार्ता करने का कार्यक्रम निर्धारित था, परंतु आपके (डीएम) द्वारा सभी को निकासी द्वार पर वार्ता के स्थान पर लाइन किया जाने लगा. जिस पर हमने अपने आप को अपमानित महसूस किया और वहां से चले आए. आपने तभी यह कहा था कि मैंने आपको चाय पिलाई है. अत: उस चाय का 50 रुपये प्रति चाय 700 रुपये आपको भेजा जा रहा है.

डीएम ने कही ये बात

इस मामले में डीएम राकेश कुमार सिंह ने कहा कि महानगर इकाई ने जिस प्रयोजन के लिए पुलिस को पास जारी करने की लिस्ट भेजी थी, पुलिस ने उसी प्रकार का पास जारी किया था. Proximity Pass जारी नहीं था और ना ही मिलने का किसी के द्वारा अनुरोध किया गया था.

मेरे द्वारा उनको (बीजेपी नेताओं) पूरा सम्मान दिया गया. उनके पास जो पास था वह विदाई के वक्त सीएम के सामने खड़े होकर मुलाकात करने का था. अलग से मिलने का कोई पास नहीं था.