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कालाढूंगी में डरा रहा है मौसम। कहीं भूमि कटाव तो कहीं फसल हो रही बर्बाद।
कालाढूंगी। विगत दिनों कालाढूंगी और आसपास के क्षेत्र में हुई भारी वर्षा के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। कालाढूंगी के निकट गुलजारपुर बंकी नाले ने गुलजारपुर बंकी एवं पूरनपुर गांव में कहीं ग्रामीणों का रास्ता तोड़ दिया तो काश्तकारों की फसल को तबाह कर दिया। कई घरों में भी पानी घुसा है। भारी नुकसान से अधिकांश पीड़ित काश्तकारों और ग्रामीणों का कहना है कि आज 5 दिन बीत गए लेकिन उनकी सुध लेने कोई नहीं पहुंचा है। देखा जाए तो यह नाला कहीं 6 मीटर का है तो कहीं 50 मीटर से अधिक चौड़ा हो गया है, नाले में कई जगह कब्जा भी किया गया है, जिस वजह से नाले का पानी अपना रुख बदलकर आबादी में घुस रहा है।
पूरनपुर निवासी काश्तकार हरदेव सिंह का कहना है कि नाले का पानी उनके खेतों की फसल को खत्म करते हुए उनके घर में भी घुस गया, दीवार तोड़कर पानी को बाहर निकालना पड़ा। सर्वजीत कौर ने कहा कि वो विधवा महिला है, नाले के पानी ने उनकी फसल को भी नुकसान किया है, और अभी तक उनकी सुध लेने कोई नहीं पहुंचा है। बलविंदर सिंह और कई घरों को जाने वाले रास्ते में गहरे गड्ढे हो गए। उन्होंने बताया रास्ते में गहरे गड्ढे हो गए, खेतों में पानी है, इसलिए आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गुलजारपुर निवासी कार्नेल सिंह ने बताया उनकी कृषि भूमि के पास नाला गहरा नहीं है, और न ही यहां सुरक्षा दीवार लगी है, जिस वजह से पानी और बजरी खेतों में घुस गई, कई बीघा भूमि में लगा धान और सोयाबीन बर्बाद हो गया। बताया कि इतना नुकसान होने के बाद भी उनके यहां निरीक्षण को कोई नहीं पहुंचा है। निर्मल सिंह ने बताया उनकी फसल को भी नाले के पानी और मिट्टी ने बर्बाद कर दिया। सर्वजीत कौर एवं बलदेव सिंह ने कहा कि नाले का पानी उनके घर और गोट में घुस गया, फसल को भी बर्बाद कर दिया है। उन्होंने बताया कि उनकी समस्या सुनने उनके हाल जानने कोई नहीं पहुंचा है। महेंद्र पाल सिंह ने बताया पानी का बहाव तेज होने से नाला रुख बदलकर उनके आमलीची के बाग में घुस गया, और लगभग एक एकड़ भूमि को काट दिया, आम लीची के करीब 10 पेड़ भी बह गए।
गांव गांव जा रही है राजस्व टीम।
कालाढूंगी। एसडीएम रेखा कोहली ने बताया, आपदा के दिन से ही वो खुद और तहसीलदार एवं राजस्व टीम क्षेत्रों में घूम रही है, नुकसान के आंकलन का कार्य किया जा रहा है। बीच बीच में वर्षा हो जा रही है। सभी जगह एक साथ जाना संभव नहीं है, टीम लगी हुई है, जिनका नुकसान हुआ है, और टीम नहीं पहुंच सकी है, वो काश्तकार अपना नाम तहसील को उपलब्ध करा सकते हैं।