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धामी के निर्देश पर STF ने 18 आरोपियों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट, गैंगस्टर के 21 आरोपियों की रिमांड मंजूर…

By on September 21, 2022 0 81 Views

देहरादून: उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार लगातार काम कर रही है। भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ अभियान में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित अलग-अलग विभागों में समूह ग भर्ती परीक्षा में गड़बड़ियों की शिकायत मिलते ही कठोर निर्णय लिए। पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने सीएम धामी के निर्देश पर 41 में से 18 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। इन पर धोखाधड़ी, जालसाजी और परीक्षा अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं। कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद जल्द ही इनके खिलाफ ट्रायल शुरू होगा। इसके अलावा एसटीएफ अब हाकम सिंह और आरएमएस कंपनी के मालिक समेत 23 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार करने में जुट गई है। माना जा रहा कि स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा धांधली में लगभग सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। दिसंबर 2021 में हुई परीक्षा की शुरुआत से ही धांधली की बातें कही जा रही थी। इस पर प्राथमिक जांच हुई और सीएम के आदेश पर गत 22 जुलाई को रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद 24 जुलाई से एसटीएफ ने गिरफ्तारियां शुरू कर दी। इस क्रम में 24 जुलाई को ही छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें परीक्षा आयोजित कराने वाली कंपनी के दो कर्मचारी भी शामिल थे। इसके अलावा एक कोर्ट का कनिष्ठ सहायक भी शामिल था। शुरुआत में पता चला कि कंपनी के एक कर्मचारी ने टेलीग्राम के माध्यम से परीक्षा प्रश्नपत्र को अपने अन्य साथियों तक भेजा। इसके बाद नित नई गिरफ्तारियों का दौर शुरू हो गया। उत्तरकाशी इस परीक्षा धांधली में केंद्र बनकर उभरा। यहां के जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह को भी एसटीएफ ने 13 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया। उससे लिंक सामने आया यूपी के धामपुर (बिजनौर) का।

यहां के नकल माफिया केंद्रपाल के बाद कड़ी खुली तो जांच आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी के मालिक राजेश चौहान तक जा पहुंची। पता चला कि पेपर उसी ने लीक कराया, जिसके एवज में दो करोड़ रुपये लिए गए। अब तक इस मामले में कुल मास्टरमाइंड मूसा समेत 41 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि नियमानुसार आरोपियों के जेल में दो महीने की अवधि बिताने तक चार्जशीट कोर्ट में दाखिल करनी होती है। लिहाजा, शुरुआती विवेचना में 18 आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य जुटाकर चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। कोर्ट जल्द ही संज्ञान लेगा, जिसके बाद मुकदमे में इन 18 के खिलाफ ट्रायल शुरू हो जाएगा।

इनके खिलाफ दाखिल हुई चार्जशीट 

शूरवीर सिंह चौहान, कुलवीर सिंह, मनोज जोशी, गौरव नेगी, जयजीत दास (कंपनी का कर्मचारी), मनोज जोशी (पीआरडी कर्मचारी), अभिषेक वर्मा (कंपनी का कर्मचारी), भावेश जगूड़ी, दीपक शर्मा, अंबरीश कुमार, महेंद्र चौहान (कोर्ट में कनिष्ठ सहायक), हिमांशु कांडपाल (कोर्ट में कनिष्ठ सहायक), तुषार चौहान, सूर्यप्रताप सिंह, गौरव चौहान, विनोद जोशी (पुलिस कांस्टेबल), संजय राणा ।

इन धाराओं में हुई चार्जशीट 

आईपीसी 420, आईपीसी 467, आईपीसी 468, आईपीसी 471, आईपीसी 34 और उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम की धारा तीन, चार, पांच, नौ और 10।

गैंगस्टर के सभी 21 आरोपियों की रिमांड मंजूर 

पेपर लीक मामले में गैंगस्टर के सभी 21 आरोपियों का ज्यूडिशियल रिमांड (न्यायिक अभिरक्षा) मंजूर हो गई है। यानी अब इन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी मुकदमा चलाया जाएगा। एसटीएफ ने 21 आरोपियों पर पिछले दिनों गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की थी। यह मुकदमा भी रायपुर में दर्ज किया गया था। एसटीएफ ने मंगलवार को इन सभी की ज्यूडिशियल रिमांड मांगी थी। इसे न्यायालय ने मंजूर कर दिया।