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बहुमत का आंकड़ा पूरा ना होने पर हीरो बन सकते हैं निर्दलीय लड़ रहे बागी
देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में निर्दलीय लड़ रहे बागी महत्वपूर्ण निभा सकते हैं. असल में उत्तराखंड की सियासत के गुणा-गणित के अनुसार कुछ सीटों पर बागी व निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत होने की संभावनाएं प्रबल हैं. तो वहीं इस बार कांग्रेस व बीजेपी के कांटे की टक्कर हो रही है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि बहुमत का आंकड़ा किसी भी राजनीतिक दल को नहीं मिलेगा. जिसमें निर्दलीय लड़ रहे बागी महत्वपूर्ण निभा सकते हैं.
असल में उत्तराखंड के सियासत के इतिहास को देखे तों को 2007 और 2012 में सरकार बनाने के लिए दलों को बाहर से समर्थन लेना पड़ा था. 2007 में बीजेपी एक सीट से बहुमत से पीछे थी. ऐसे में भुवन चंद्र खंडूरी के लिए यूकेडी तारणहार बनी थी. वहीं 2012 में कांग्रेस और बीजेपी को क्रमश; 32 और 31 सीटें मिली थी. ऐसे में कांग्रेस के लिए बसपा के विधायक तारणहार बने थे, लेकिन 2022 का समीकरण बदल चुका है. राज्य में बसपा के साथ ही यूकेडी का जनाधार कम हुआ है. जिसमें बहुमत का आंकड़ा जुटाने की स्थिति में निर्दलीय चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार निर्णायक हो सकते हैं.