
उर्वशी रौतेला के मंदिर बयान के खिलाफ कार्रवाई की मांग, तीर्थ पुरोहितों ने DGP को सौंपा शिकायती पत्र
देहरादून: मूल रूप से उत्तराखंड की रहने वाली बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला का एक बयान इनदिनों सोशल मीडिया पर चर्चाओं का विषय बना हुआ है. इस बयान के बाद उत्तराखंड के तीर्थ पुरोहित काफी आक्रोश में नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि उर्वशी रौतेला के बयान से धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. इतना ही नहीं, तीर्थ पुरोहितों ने उत्तराखंड के डीजीपी को शिकायती पत्र सौंपकर उर्वशी रौतेला के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
उर्वशी रौतेला ने दिया अजीबोगरीब बयान: दरअसल, बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला ने एक पॉडकास्ट के दौरान दावा किया है कि ‘उत्तराखंड में पहले से ही उनके नाम का मंदिर है. यह मंदिर बदरीनाथ के पास है. उस मंदिर का नाम उर्वशी है, जहां लोग दर्शन करने जाते हैं. साथ ही साउथ में भी उनके नाम का मंदिर बनना चाहिए.‘ उर्वशी रौतेला के इस बयान से तीर्थ पुरोहित खासे नाराज हैं. वहीं, उर्वशी रौतेला ने सफाई भी दी है.
उर्वशी रौतेला और यूट्यूब चैनल पर कार्रवाई करने की मांग
उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत और ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत समिति के प्रतिनिधिमंडल ने आज यानी 19 अप्रैल को डीजीपी दीपम सेठ से मुलाकात की. प्रतिनिधियों ने मुलाकात कर उर्वशी रौतेला और संबंधित यूट्यूब चैनल पर कार्रवाई करने की मांग संबंधित शिकायती पत्र सौंपा.
एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला ने निंदनीय बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि बदरीनाथ धाम के पास उनके नाम का एक मंदिर है, जो कि सनातन परंपरा और धामों का अपमान है. जिसके चलते डीजीपी से मुलाकात कर उर्वशी रौतेला पर कार्यवाही करने की मांग की है.
– उमेश सती, केंद्रीय अध्यक्ष, ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत समिति –
धामों और तीर्थ पुरोहितों से माफी मांगे उर्वशी रौतेला
उमेश सती ने आगे कहा कि ये मामला और ज्यादा न उछले, इसके लिए उर्वशी रौतेला को धामों और तीर्थ पुरोहितों से माफी मांगनी चाहिए, नहीं तो तीर्थ पुरोहित समाज उर्वशी रौतेला का घोर विरोध करेगा. उर्वशी जहां भी जाएंगी, वहां पर तीर्थ पुरोहित काली पट्टी बांधकर उनका विरोध जताएंगे, लेकिन अभी भी समय है कि उर्वशी रौतेला अपने दिए गए बयानों को वापस लेकर माफी मांग लें.
चमोली के बामणी गांव में है उर्वशी मंदिर
बता दें कि, मां उर्वशी के जिस मंदिर का रौतेला ने जिक्र किया है, वो मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले के बदरीनाथ से कुछ दूरी पर बामणी गांव में है. मान्यता है कि यह मंदिर बद्रीकाश्रम में भगवान नारायण के बाएं कमल से बनाया गया था. यह उर्वशी पर्वत, नारायण और नीलकंठ पर्वत के सामने स्थित है. कहा जाता है कि उर्वशी देवी भगवान नारायण की जांघों से प्रकट हुई थीं, जो बदरीनाथ में तपस्या में लीन थे. इसका सीधा मतलब यही है कि बदरीनाथ धाम के उर्वशी मंदिर है, जिसका उर्वशी रौतेला से कोई संबंध नहीं है.