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प्रथम तैनाती के कार्यक्षेत्र को गोद लेंगे 40 आईएएस अफसर, मुख्य सचिव ने जारी किया आदेश

By on May 22, 2025 0 222 Views

देहरादून: उत्तराखंड के आईएएस अधिकारियों के लिए एक ऐसा आदेश हुआ है, जो उन्हें अपनी पहली पोस्टिंग की याद दिलाएगा. दरअसल, आईएएस अधिकारियों को अब अपनी पहली पोस्टिंग वाले कार्य क्षेत्र को गोद लेना होगा. जिसमें संबंधित अधिकारी ना केवल अपनी पोस्टिंग वाले कार्य क्षेत्र में हुए विकास कार्यों का आकलन कर सकेगा. बल्कि उसके सुधार के लिए एक रूपरेखा भी बना पाएगा.

उत्तराखंड शासन में 40 आईएएस अधिकारियों की सूची जारी करते हुए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है. इसके तहत अब सूची में शामिल 40 आईएएस अधिकारियों को अपनी पहली तैनाती के कार्य क्षेत्र को गोद लेना होगा. मुख्य सचिव आनंदवर्धन ने इस संदर्भ में आदेश जारी करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए हैं.

प्रमुख सचिव से अपर सचिव तक के अधिकारी शामिल

आदेश के अनुसार, राज्य सरकार के अधीन मौजूदा समय में 8700 या उससे अधिक ग्रेड पे वाले अधिकारियों को प्रदेश में अपनी पहली तैनाती के कार्य क्षेत्र को गोद लेना होगा. इस तरह इस सूची में प्रमुख सचिव से लेकर अपर सचिव स्तर के अधिकारी शामिल हैं. इस दौरान यदि एक ही कार्य क्षेत्र में दो अधिकारी या इससे अधिक अधिकारी अपनी पहली तैनाती पर रहे हो तो ऐसे अधिकारियों को दूसरी और तीसरी तैनाती का चयन करना होगा.

इन बिंदुओं पर होगा काम

विभिन्न कार्य क्षेत्र को गोद लेने के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओ को भी आदेश में जगह दी गई है. इसके तहत पहली नियुक्ति के कार्यक्षेत्र में उस समय से लेकर अब तक हुए बदलाव की पूरी जानकारी तैयार करनी होगी. इस पर संबंधित अधिकारी को अपनी टिप्पणी भी देनी होगी. संबंधित कार्य क्षेत्र में सीएसआर और दूसरे संसाधनों का उपयोग करते हुए सामाजिक आर्थिक विकास पर योगदान की स्थिति भी तैयार करनी होगी. इस दौरान स्वयंसेवी संस्थाओं, सिविल सोसाइटी और स्थानीय लोगों का भी संबंधित अधिकारी को सहयोग लेना होगा. जबकि जिला योजना, रांची सेक्टर और वित्त आयोग से प्राप्त होने वाली धनराशि के माध्यम से यहां के विकास के लिए कार्य योजना भी तैयार करनी होगी.

विकास कार्यों की मिलेगी जानकारी

इस आदेश के बाद जहां तमाम अधिकारी अपनी पहली तैनाती वाले स्थल से जुड़कर यहां के विकास में अपना योगदान दे सकेंगे. वहीं अपनी टिप्पणी के माध्यम से यह भी बता सकेंगे कि इतने सालों में इस क्षेत्र में विकास को लेकर अब तक क्या काम हुआ. इस तरह यह अधिकारी इस क्षेत्र को गोद लेकर संबंधित विकासखंड, तहसील या जिला मुख्यालय के विकास को लेकर अपना योगदान दे सकेंगे.

दरअसल, राज्य सरकार इसके जरिए विभिन्न क्षेत्रों में हुए अब तक के कार्यों को भी जानना चाहती है और जिन क्षेत्रों में विकास कार्यों को लेकर संभावनाएं बरकरार हैं, वहां पर विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कामों को आगे बढ़ाने की भी कोशिश हो रही है.