
जिला विकास प्राधिकरण कार्यालय में कमिश्नर दीपक रावत का छापा ! 26 साल से पेंडिंग मिली फाइलें, कुछ गायब हो गईं, दिया 10 दिन का वक़्त, पढ़ें पूरी खबर
नैनीताल: कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने जिला विकास प्राधिकरण कार्यालय का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान आयुक्त ने रिकॉर्ड रूम का निरीक्षण किया जहां उन्हें फाइलों में कई खामियां देखने को मिली. इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए आयुक्त ने प्राधिकरण के अधिकारियों को सभी खामियां 10 दिन के भीतर दूर कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं.
जिला विकास प्राधिकरण में 26 साल से लंबित हैं फाइलें
निरीक्षण के दौरान कमिश्नर दीपक रावत ने प्राधिकरण अधिकारियों से लंबित वादों की जानकारी मांगी तो पता चला कि वर्ष 1999 से लेकर अब तक कई फाइलें हैं जो अभी तक प्राधिकरण कार्यालय में धूल फांक रही हैं. इसके चलते वादकारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कमिश्नर ने कई वर्षों से प्राधिकरण में लटके वादों को जल्द से जल्द निस्तारित करने के आदेश दिए.
कमिश्नर दीपक रावत ने जताई नाराजगी
निरीक्षण के दौरान दीपक रावत को प्राधिकरण कार्यालय से कई फाइलें गायब भी मिलीं. इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने तीन दिन के भीतर गायब फाइलों को उन तक पहुंचाने के आदेश भी दिए हैं. आयुक्त ने भवन मानचित्र स्वीकृति, अवैध भवनों के निर्माण पर की जा रही कार्रवाई, लंबित प्रकरणों की सुनवाई, अभिलेखों का डिजिटलाइजेशन कार्य सहित कंपाउडिंग आदि कार्यों की जानकारी लेते हुए अभिलेखों का निरीक्षण किया.
पुराने वाद का निस्तारण पहले करने का आदेश
इस दौरान कुमाऊं कमिश्नर ने लंबित वादों का निस्तारण करने, अवैध निर्माण पर तत्काल उचित कार्रवाई करने, कार्यालय में दस्तावेजों का रख रखाव सही ढंग से करने और वादों को सूचीबद्ध तरीके से वर्गीकृत करते हुए अंकित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सबसे पुराने वाद का निस्तारण पहले हो. प्राधिकरण कार्यालय में भवन मानचित्र स्वीकृति तय सीमा में हो, यह जिम्मेदारी प्राधिकरण के अधिकारियों की है. लिहाजा अधिकारी सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत कार्य संपन्न करें.
एक साल में किए गए निरीक्षण की रिपोर्ट पेश करें जिलाधिकारी
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने मंडल के समस्त जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि वह भी अपने अधीनस्थ न्यायालयों का भी निरीक्षण करते हुए लंबित वादों के निस्तारण की समीक्षा करें. साथ उन्होंने उनसे विगत एक वर्ष में इन अधीनस्थ न्यायालयों में किए गए निरीक्षण की भी रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि ऐसे कार्यालय जहां आम जनता के नियमित कार्य होते हैं, उनका भी समय-समय पर निरीक्षण किया जाए.
जिला विकास प्राधिकरण में लंबित हैं ढाई हजार से ज्यादा वाद
निरीक्षण के दौरान कमिश्नर ने लंबित ऑफलाइन तथा ऑनलाइन वादों की जानकारी भी ली. सचिव जिला विकास प्राधिकरण विजय नाथ शुक्ल ने बताया कि-
वर्तमान में कुल 2650 वाद लंबित हैं. इसमें 1502 वाद पुराने हैं, जो ऑफलाइन हैं. 1148 वाद ऑनलाइन हैं, जो विचाराधीन हैं. आयुक्त ने प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो भी मामले लंबित हैं, उनकी वर्षवार तथा श्रेणीवार सूची तैयार करते हुए सप्ताह भर में रिपोर्ट पेश करें.
2019 के बाद प्राधिकरण ने पुराने निर्माण कर्ताओं को जारी नहीं किया नोटिस: कमिश्नर दीपक रावत ने नैनीताल में प्राधिकरण द्वारा कई अवैध निर्माण कर्ताओं और कंपाउंडिंग के मामले में 2019 से अब तक भी सुनवाई हेतु एक भी तिथि न देने पर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि सप्ताह में सभी वादकारियों को नोटिस जारी करें. अपने न्यायालय में प्रत्येक दिन कम-से-कम 60-70 तक मामलों की सुनवाई करते हुए लंबित वादों के निस्तारण के निर्देश दिए.
कुमाऊं कमिश्नर ने कहा कि-
लंबी अवधि तक सुनवाई हेतु तिथि न देना गंभीर लापरवाही है. लिहाजा एक सप्ताह के भीतर ऐसे प्रकरणों की सूची तैयार कर कारण सहित उन्हें उपलब्ध कराएं. एक सप्ताह में सूची प्राप्त न होने पर संबंधित को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी. वादों का निस्तारण न करने एवं लंबी अवधि तक तिथि न देना अतिक्रमण को बढ़ावा देना है. अगले 10 दिन में ऐसे मामलों पर तिथि निर्धारित करते हुए संबंधित विपक्ष के घर जाकर तामील कराएं.
–दीपक रावत, कुमाऊं कमिश्नर-