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“नरक के द्वार” में 17 मिनट बिताकर लौटा वैज्ञानिक, बताए दंग करने वाले अनुभव

By on December 17, 2023 0 179 Views

न्यूज़ डेस्कः मध्य एशिया में स्थित एक देश में “नरक का द्वार” फिर चर्चा का विषय बना हुआ है। तुर्कमेनिस्तान  की राजधानी अश्गाबात से 260 किलोमीटर उत्तर में काराकुम रेगिस्तान में (Door To Hell)  एक 100 फुट गहरा और 230 फुट चौड़ा गड्ढा पिछले कुछ दशकों से वैज्ञानिकों और पर्यटकों  के लिए रहस्यमय पहेली बना हुआ है। इस गड्ढे के अंदर से बीते चार दशकों से लगातार आग निकल रही है। इसका कारण इसके अंदर खतरनाक गैस बह रही हैं। इस गड्ढे का 1000 डिग्री सेल्सियस का धधकता तापमान है। इसके बारे में  तस्वीरें और जानकारी X हैंडल @CureBore से पोस्ट की गई, जिसे  लाखों व्यूज और  हजारों लाइक्स मिल चुके हैं।

1971 में इसे नरक का द्वार (Door To Hell) नाम दिया गया था।  आज तक यहां सिर्फ एक ही आदमी पहुंच सका है। कनाडा के रहने वाले जॉर्ज कोरोनिस 2013 में इस आग के कुंड में उतरने वाले पहले शख्स थे जो ये पता लगाना चाहता था कि धधकते गड्डे के अंदर क्या जीवन संभव है? क्या वहां कोई ऐसा बैक्टेरिया मौजूद है, जो इतने तापमान पर भी जिंदा हो? और इसके अंदर कौन-कौन सी जहरीली गैसें मौजूद है? इसके लिए वैज्ञानिक जॉर्ज ने दो साल की तैयारी की थी। वह यहां 17 मिनट तक रुके और वापस आकर उन्होंने जो बातें बताई वो  दंग करने वाली हैं।

इस जगह के तल की मिट्टी में कुछ बैक्टीरिया पाए गए, जो इस गर्म तापमान में भी रह सकते हैं। इसी आधार पर वैज्ञानिकों में ये उम्मीद जागती है कि सूरज के आसपास के ग्रहों पर एलियन मौजूद हो सकते हैं। क्योंकि वहां भी भयानक गर्म तापमान और जहरीली गैस मौजूद हैं। जॉर्ज ने बताया कि  Door To Hell में  वो 17 मिनट मेरे दिमाग में बहुत गहराई से बस चुके हैं। ये बहुत डरावना और मेरी सोच से कई गुना बड़ा और गहरा था। जॉर्ज इस गड्डे के तल तक उतरे थे और वहां से कुछ मिट्टी, राख और गैस के सेंपल लाए थे।

जॉर्ज ने बताया कि जब वह बीच रास्ते में थे, तो उनके मन में ख्याल आ रहे थे कि उनका सूट साथ देगा या नहीं। या जिन रस्सियों से वह बंधे हैं, वह बीच में टूट तो नहीं जाएंगी। जॉर्ज के अनुसार  Door To Hell  में आग कैसे लगी इसके बारे में कई कहानियां हैं। इनमें से एक ये है कि 1971 में सोवियत संघ के वैज्ञानिकों ने यहां ड्रिलिंग की थी लेकिन जब इसके अंदर से जहरीली गैस का रिसाव होने लगा तो इसे रोकने के लिए उन्होंने यहां आग लगा दी  और उसी समय से यह आग लगातार जल रही है।