
चार धाम यात्रा के लिए 12 भाषाओं में जारी की गई हेल्थ एडवाइजरी, स्वास्थ्य सचिव का दावा – अंतिम चरण में पहुंची यात्रा की तैयारियां
देहरादून: उत्तराखंड में आगामी 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो जाएगा. जिस उत्साह से साथ श्रद्धालु धामों में आने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं, वो बयां कर रहा है कि इस बार चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु की संख्या नया रिकॉर्ड बनाएगी. चारधाम की तैयारी में तमाम विभाग जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग भी श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर कई बड़े कदम उठा रहा है. जिसके तहत उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने 12 भाषाओं में स्वास्थ्य परामर्श एवं एसओपी जारी कर दी है.
उत्तराखंड स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने बताया कि श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य सुरक्षा पर विशेष जोर दिया गया है. सरकार ने तमाम भौगोलिक और जलवायु संबंधी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए 12 भाषाओं में स्वास्थ्य परामर्श एवं एसओपी जारी कर दी है. साथ ही सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों को पत्र के जरिए अनुरोध किया गया है कि यात्रा से पहले स्वास्थ्य जांच, सतर्कता और चिकित्सकीय तैयारियों पर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए.
क्योंकि, यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम ऊंचाई पर मौजूद हैं. ऐसे में तीर्थयात्रियों को कठिन जलवायु का सामना करना पड़ता है. जिसके तहत ऑक्सीजन की कमी या अन्य समस्याएं हो जाती है. ऐसे में तीर्थयात्री जरूरी स्वास्थ्य परीक्षण और आवश्यक तैयारियों के साथ चारधाम की यात्रा पर आएं.
सभी राज्यों को भेजी गई हेल्थ एडवाइजरी: स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने कहा कि स्क्रीनिंग प्वाइंट, आपातकालीन सेवाएं और हेलीपैड जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर तीर्थयात्रियों की सहायता की जाएगी. इस स्वास्थ्य परामर्श को लेकर सभी राज्यों में पत्र भेजा गया है. साथ ही तीर्थयात्रियों तक आवश्यक जानकारी पहुंचाने की कोशिश की गई है.
यात्रियों की सुविधा और स्वास्थ्य की देखभाल के लिए डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ, ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाइयों की पूरी व्यवस्था की गई है. चारधाम यात्रा 2025 के दौरान किसी भी यात्री को स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी कोई परेशानी न हो, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.
अन्य राज्यों के डॉक्टर भी दे सकेंगे चारधाम में सेवाएं: इसके अलावा सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों से ये भी कहा गया है कि वे अपने राज्य से स्पेशलिस्ट हृदय रोग, अस्थि रोग, सर्जन जैसे डॉक्टरों को स्वैच्छिक रूप से चारधाम यात्रा मार्ग पर स्थित अस्पतालों में योगदान देने के लिए प्रेरित करें. स्पेशलिस्ट का योगदान कम से कम 15 दिनों के लिए होगा. ताकि, तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें.
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा से संबंधित स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए क्या करें, क्या न करें और अन्य स्वास्थ्य देखभाल सामग्री भी तैयार की है. ये सामग्री सभी राज्यों को भेजी गई है. ताकि, तीर्थ यात्री यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति जागरूक हो सकें.
तीर्थयात्रियों की हेल्थ जांच के लिए बनाए गए स्क्रीनिंग प्वाइंट: इसके अलावा यात्रा मार्ग पर स्थित सभी जिलों के जिलाधिकारियों को ये निर्देश दिए गए हैं कि वे इस प्रचार सामग्री को स्थानीय स्तर पर बांटे. ताकि, आम तीर्थयात्री यात्रा के दौरान आवश्यक स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों के बारे में जान सकें. चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की ब्लड प्रेशर, शुगर, ऑक्सीजन लेवल समेत 28 पैरामीटर की जांच के लिए स्क्रीनिंग प्वाइंट बनाए गए हैं.
मेडिकल रिलीफ प्वाइंट में तैनात होंगे प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ और स्वास्थ्य मित्र: ये सभी प्वाइंट रजिस्ट्रेशन प्वाइंट के साथ जोड़े गए हैं. ताकि, यात्रा शुरू करने से पहले यात्रियों की पूरी स्वास्थ्य जांच हो सके. यात्रा मार्ग पर मेडिकल रिलीफ प्वाइंट की संख्या बढ़ाई गई है. वहां पर डॉक्टरों के साथ प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ और स्वास्थ्य मित्रों की तैनाती की जाएगी.
यात्रा मार्गों पर लगाए जाएंगे हेल्थ एटीएम: स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने कहा कि यात्रियों की स्वास्थ्य जांच को आसान बनाने के लिए यात्रा मार्गों पर हेल्थ एटीएम लगाए जाएंगे. वहां पर ब्लड प्रेशर, शुगर, ऑक्सीजन लेवल, वजन, लंबाई और शरीर का तापमान मापा जा सकेगा. साथ ही टेलीमेडिसिन सेवा के तहत 24 घंटे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श की सुविधा भी दी जाएगी.
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर खास फोकस: उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें केदारनाथ यात्रा मार्ग के दौरान आती हैं. इसलिए केदारनाथ यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत किया गया है. यात्रा मार्ग पर 10 मेडिकल रिलीफ पोस्ट और दो पीएचसी सेंटर स्थापित किए गए हैं. गुप्तकाशी, फाटा, गौरीकुंड और नारायणकोटी में हेल्थ एटीएम लगाए जाएंगे. जहां यात्रियों की फ्री हेल्थ स्क्रीनिंग की जाएगी.
तीर्थयात्रियों के लिए स्वास्थ्य विभाग की सलाह-
- यात्रा से पहले हेल्थ जांच कराएं और यात्रा की योजना कम से कम 7 दिन पहले बनाएं.
- केदारनाथ और यमुनोत्री यात्रा के दौरान हर एक से दो घंटे में 5-10 मिनट का विश्राम करें.
- यात्रा के दौरान गर्म कपड़े, रेनकोट, छाता, पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर साथ रखें.
- हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, मधुमेह से ग्रसित यात्री अपनी जरूरी दवाइयां और डॉक्टर का नंबर साथ रखें.
- यात्रा के दौरान सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, चक्कर या उल्टी महसूस हो तो तत्काल नजदीकी मेडिकल रिलीफ प्वाइंट पर जाएं.
तीर्थयात्रियों के लिए स्वास्थ्य विभाग की एडवाइजरी-
- यात्रा से पहले अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य जांच कराएं.
- कम से कम दो महीने पहले पैदल चलने, प्राणायाम और हृदय संबंधी व्यायाम अपनाएं.
- आवश्यक दवाइयों की पर्याप्त मात्रा साथ रखें.
- स्वास्थ्य एवं पर्यटन पंजीकरण एप पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराएं.
- पर्याप्त जल, संतुलित आहार और हल्के गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें.
- स्क्रीनिंग केंद्र और चिकित्सा राहत पोस्ट का यात्री लाभ उठाएं.
- हल्की परतों वाले कपड़े, गरम वस्त्र, दस्ताने एवं ऊनी सामग्री साथ यात्रा के दौरान अपने साथ रखें.