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उत्तराखंड: डेंगू-चिकन गुनिया की रोकथाम के लिए धामी सरकार अलर्ट, स्वास्थ्य सचिव ने जारी की SOP, जनता से की रोगों की रोकथाम में भागीदारी की अपील

By on April 16, 2025 0 58 Views

देहरादून: उत्तराखंड में पिछले कुछ सालों से डेंगू का आतंक देखने को मिल रहा है. इस साल भी अभी से ही डेंगू संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई है. देहरादून में अब तक 15 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में बढ़ते डेंगू संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू और चिकनगुनिया जैसे गंभीर संक्रामक बीमारी की रोकथाम के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है.

दरअसल, गर्मी और बरसात के मौसम में डेंगू व चिकनगुनिया बीमारी फैलने की संभावना काफी ज्यादा रहती है. जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों में इन रोगों से निपटने के लिए अंतर विभागीय समन्वय, सक्रिय चिकित्सा व्यवस्थाएं, जन जागरूकता, निगरानी और फील्ड एक्शन के लिए व्यापक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. इस पूरे अभियान में नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, जल निगम, शिक्षा विभाग, ग्राम्य विकास, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग समेत कई विभागों की सक्रिय भागीदारी तय की गई है.

स्वास्थ्य विभाग समेत सभी विभागों को अलर्ट कर दिया गया है. साथ ही विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी गई है. डेंगू व चिकनगुनिया जैसे मच्छर जनित रोगों की रोकथाम का पहला कदम स्वच्छता है. जब तक स्रोत नियंत्रण यानी सोर्स रिडक्शन नहीं करते, तब तक मच्छरों को पूरी तरह नियंत्रित नहीं किया जा सकता. इसलिए सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया है कि वो लगातार सफाई अभियान चलाएं, जिसमें लोगों को भी भागीदार बनाएं.

डाॅ. आर राजेश कुमार, स्वास्थ्य सचिव, उत्तराखंड

घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगी आशा वर्कर

स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने बताया कि सभी नगर निगम और नगर निकायों को निर्देशित किया गया है कि वे नियमित रूप से सफाई अभियान, नाले-नालियों की सफाई, जलजमाव हटाने और कचरा निस्तारण पर जोर दें. सोर्स रिडक्शन के तहत आशा वर्करों की टीमों को प्रशिक्षित कर फील्ड में सक्रिय किया जाएगा, जो घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगी.

मच्छरों के खात्मा के लिए कराई जाएगी फॉगिंग

जरूरत के अनुसार फॉगिंग की कार्रवाई भी की जाएगी. ताकि, मच्छरों को नष्ट किया जा सके. इसके साथ ही जनजागरूकता अभियान के लिए हैंडबिल, पोस्टर, बैनर, नुक्कड़ नाटक, स्कूलों में गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा. सभी ब्लॉकों को माइक्रो प्लान तैयार कर राज्य एनवीबीडीसीपी (NVBDCP) यूनिट को भेजने को कहा गया है.

उत्तराखंड में हाल के सालों में डेंगू के मामले-

  • साल 2024 में डेंगू के 37 मामले सामने आए.
  • साल 2023 में 1,201 मामले सामने आए. जबकि, 13 मरीजों की मौत हुई थी.
  • साल 2022 में 1,434 मामले सामने आए.
  • साल 2021 में 126 मामले सामने आए.
  • साल 2019 में 4,991 मामले सामने आए. जबकि, 6 लोगों की मौत हुई थी.

बनाए जाएंगे डेंगू आइसोलेशन वार्ड

स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने बताया कि राज्य व निजी अस्पतालों में डेंगू और चिकनगुनिया मरीजों के इलाज के लिए भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार व्यवस्थाएं लागू करने को कहा गया है.. सभी जिलों में अलग से डेंगू आइसोलेशन वार्ड बनाए जाएंगे, जिनमें मच्छरदानी से लैस बेड, प्रशिक्षित डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और जरूरी उपकरण मौजूद रहेंगे.

गंभीर मरीजों के लिए प्लेटलेट्स, एलिसा जांच किट समेत दवा आदि को समय पर उपलब्ध करवाना अनिवार्य किया गया है. फीवर सर्वेक्षण के जरिए संदिग्ध मरीजों की पहचान की जाएगी और पॉजिटिव केस मिलने पर मरीज के घर से 50 मीटर की परिधि में स्पेस स्प्रे/फोकल स्प्रे कराई जाएगी. सभी जिलों में रैपिड रिस्पांस टीम (RRT) को अलर्ट मोड पर रखा गया है. ताकि, आपातकालीन स्थिति में तत्काल कार्रवाई की जा सके.

चाहे कोई केस हो या न हो, रोजाना देनी होगी रिपोर्ट

उन्होंने बताया कि राज्य मुख्यालय में संचालित हेल्पलाइन नंबर 104 को पूरी तरह से जनता के लिए सक्रिय रखा गया है. ताकि, कोई भी व्यक्ति अपनी समस्या को साझा कर सके और तत्काल सलाह हासिल कर सके. डेंगू के संक्रमण काल में सभी जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे. उनके नंबर राज्य एनवीबीडीसीपी (NVBDCP) यूनिट को उपलब्ध कराए जाएंगे. सभी जिलों को निर्देशित किया गया है कि वे हर दिन शाम 4 बजे तक दैनिक रिपोर्टिंग सुनिश्चित करेंगे, चाहे कोई केस हो या न हो.

स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभाग भी निभाएंगे अहम भूमिका

स्वास्थ्य सचिव राजेश कुमार ने बताया कि इस बार की कार्ययोजना में यह विशेष ध्यान दिया गया है कि केवल स्वास्थ्य विभाग ही नहीं, बल्कि अन्य तमाम विभाग भी अहम भूमिका निभाएंगे. नगर विकास, पंचायती राज, जल संस्थान, विद्यालय शिक्षा, सूचना एवं जनसंपर्क जैसे विभागों को उनकी जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिससे डेंगू व चिकनगुनिया को रोकने के प्रयास सामूहिक रूप से मजबूत बनें.