Breaking News
  • Home
  • उत्तराखण्ड
  • ‘दीदी-भुली’ महोत्सव में पहुंचे सीएम धामी, उत्तरकाशी को दी ₹291 करोड़ की योजनाओं की सौगात

‘दीदी-भुली’ महोत्सव में पहुंचे सीएम धामी, उत्तरकाशी को दी ₹291 करोड़ की योजनाओं की सौगात

By on January 9, 2024 0 177 Views

उत्तरकाशी: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज उत्तरकाशी दौरे पर रहे. जहां उन्होंने रोड शो कर ‘दीदी भुली महोत्सव’ में हिस्सा लिया. साथ ही उत्तरकाशी जिले के लिए 57.38 करोड़ रुपए की 24 योजनाओं का शिलान्यास और 45.37 करोड़ रुपए की 38 योजनाओं का उद्घाटन किया. सीएम धामी ने कहा कि यह योजनाएं उत्तरकाशी जिले के विकास में एक मील का पत्थर साबित होंगी.

वहीं, सीएम धामी ने रामलीला मैदान में बद्री गाय की पूजा अर्चना कर ‘विकसित भारत विकसित ग्राम’ प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया. प्रदर्शनी स्टॉलों का निरीक्षण करने के साथ ही विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद भी किया. साथ ही उन्होंने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को अनुदान और सहायता राशि के चेक भी वितरित किए. सीएम धामी ने 291 करोड़ रुपए की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भी किया. इसके अलावा सीएम धामी ने यूजेवीएन लिमिटेड के तिलोथ विद्युत गृह के नवीनीकरण, उच्चीकरण और पुनरुद्धार (आरएमयू) कार्यों का लोकार्पण भी किया.

स्वरोजगार के क्षेत्र में बेहतरीन काम कर रहीं महिलाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तरकाशी की पुण्य भूमि को जहां भगवान विश्वनाथ का आशीर्वाद प्राप्त है तो वहीं इस महान भूमि में गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे पवित्र धाम मौजूद हैं. जिससे उत्तरकाशी जिले का आध्यात्मिक महत्व है. उत्तरकाशी की मातृशक्ति स्वरोजगार के क्षेत्र में बेहतरीन काम कर रही हैं. थत्यूड़ जैसा ग्रोथ सेंटर महिला सशक्तिकरण का आदर्श उदाहरण हैं. इस सेंटर से जुड़कर क्षेत्र की कई महिलाएं आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन चुकी हैं.

एक जिला एक उत्पादमें उत्तरकाशी जिले को मिला दूसरा स्थान

सीएम धामी ने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में तो उत्तरकाशी जिला अग्रणी जिलों में से एक है. जहां दुग्ध उत्पादन में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. ‘एक जिला एक उत्पाद’ अवार्ड में देशभर के जिलों के बीच कृषि श्रेणी में उत्तरकाशी को दूसरा स्थान मिला है. यहां की मातृ शक्ति ‘आत्मनिर्भर भारत’ के मंत्र को धरातल पर उतारने का काम भी कर रही हैं. हम उत्तराखंड राज्य के निर्माण में मातृ शक्ति के संघर्ष को कभी नहीं भूल सकते.