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हल्द्वानी हिंसा में फूंके गए 70 से ज्यादा वाहन, उपद्रवियों से होगी वसूली, योगी मॉडल पर चलेगी धामी सरकार

By on February 10, 2024 0 432 Views

हल्द्वानी (उत्तराखंड): नैनीताल जिले के सबसे बड़े शहर हल्द्वानी के वनभूलपुरा इलाके में गुरुवार को उपद्रव मचाने वाले बवालियों की अब खैर नहीं है. धामी सरकार इन उपद्रवियों से उत्तर प्रदेश के योगी मॉडल के तहत निपटने जा रही है.

यूपी में संपत्ति का नुकसान करने वालों से होती है वसूली

दरअसल सितंबर 2022 में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली (संशोधन) विधेयक- 2022 पारित कर दिया था. इस संशोधन विधेयक में दंगा-उपद्रव में किसी व्यक्ति की मौत या संपत्ति के नुकसान पर मुआवजे की रकम की वसूली दोषी व्‍यक्ति से करने का प्रावधान है. अब उत्तराखंड की धामी सरकार भी इसी तर्ज पर काम करने जा रही है.

हल्द्वानी के उपद्रवियों से होगी नुकसान की वसूली

गुरुवार को हल्द्वानी में हुई हिंसा और बड़ी संख्या में उपद्रवियों द्वारा सरकारी और निजी वाहनों को आग के हवाले करने की घटना हुई. उपद्रवियों ने 70 से ज्यादा वाहनों को आग लगा दी. इनमें पुलिस के वाहन, पत्रकारों के वाहन और आम लोगों के वाहन शामिल हैं. इन सभी नुकसान का अगर आकलन होगा तो इनकी कीमत करोड़ों में निकलेगी. शुक्रवार को नैनीताल एसएसपी ने जब प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो उन्होंने बताया कि 4 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है. 15 से 20 उपद्रव भड़काने वाले मास्टर माइंड को चिन्हित किया गया है. ऐसे लोगों पर सख्त कानूनी कार्रवाई करने के साथ ही एसएसपी ने एक और बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि उपद्रवियों ने जितनी संपत्ति का नुकसान किया है, उसकी कीमत उनसे वसूली जाएगी. ऐसे में साफ है कि उपद्रव करने और उसे भड़काने वाले तथा वाहनों को नुकसान पहुंचाने वालों से अब करोड़ों की वसूली होगी, जो उनके साथ ही मन में उपद्रव करने का मंसूबा पाले होंगे उनके लिए ये मिसाल होगी.

उपद्रवियों के खिलाफ योगी मॉडल अपनाएगी धामी सरकार

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने जब से यूपी में ये पॉलिसी अपनाई है, वहां दंगे फसाद रुक गए हैं. अब यूपी में दंगा या उपद्रव करने वालों को दस बार सोचना पड़ता है कि अगर उन्होंने सरकारी या निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया तो फिर उसकी भरपाई भी उन्हें ही करनी पड़ेगी. ऐसे में यूपी में दंगा फसाद और उपद्रव करने वाले अब बैकफुट पर रहते हैं. उत्तराखंड में अगर हल्द्वानी हिंसा के बाद यूपी की योगी सरकार का ये मॉडल अपनाया जाता है तो फिर उपद्रव करने वाले ऐसा करने से पहले कई बार सोचेंगे.