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गैरसैंण के लिए बजट में 22 करोड़ का प्रावधान, राजधानी को करेंगे और विकसित – सीएम धामी

By on July 14, 2022 0 131 Views

देहरादून: ‘हमारी सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया है और हम इसके विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस भी बजट में हमने 22 करोड़ रुपये का प्रावधान विधानसभा के विकास के लिए किया है।’ ये बातें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूपीईएस में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कहीं। एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनजी स्टडीज (यूपीईएस) पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पत्रकारों ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कुछ सवालों को दोहराया। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने धामी सरकार के बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा था कि गैरसैंण के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं रखना गैरसैंण की भावना के साथ जनता के साथ भी धोखा है। हरीश रावत ने विधानसभा सत्र भी देहरादून में करने पर सरकार को घेरा था। पूर्व सीएम के इन सवालों के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को बनाया है और हम इसके विकास के लिए प्रतिबद्ध है। गैरसैंण के आधारभूत जो संरचना है, उसके विकास को आगे बढ़ाने के लिए इस बार के बजट में भी हमने 22 करोड़ की धनराशि के लिए सीधे-सीधे प्रावधान किया है। विभागों के अतिरिक्त गैरसैंण के विकास के लिए खर्च होगा। हमारी ग्रीष्मकालीन राजधानी वहां पर है उसी को हम आगे बढ़ा रहे हैं।

प्रतिभाशाली बच्चों को मिलेगी छात्रवृत्ति

प्रदेश के कमजोर वर्ग के मेधावी छात्रों के आड़े अब आर्थिक समस्या आड़े नहीं आएगी। सीएम ने ऐसे बच्चों के लिए ‘ज्योति छात्रवृत्ति’ जबकि प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए ‘विजय छात्रवृत्ति’ का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेधावियों और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के लिए यूपीईएस की ओर से शुरू की छात्रवृत्ति को सराहनीय कदम बताया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लिए देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लाई गई है।

उत्तराखंड राज्य में बाल वाटिका से इसका शुभारंभ भी हो चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को बिधौली, देहरादून स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ पैट्रोलियम एंड एनजी स्टडीज (यूपीईएस) पहुंचे। यहां उन्होंने सेंटर फॉर कल्चर एंड आर्ट एवं सेंटर फॉर इंडियन नॉलेज की स्थापना भी की। दोनों केंद्रों की स्थापना उत्तराखंड की लोक संस्कृति एवं परंपराओं के संवर्द्धन, संरक्षण और अध्ययन के अलावा भारतीय पुरातन ज्ञान को नई पीढ़ी तक पहुुंचाने के मकसद से की गई है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने ‘ज्योति छात्रवृति’ एवं  ‘विजय’ छात्रवृति का भी शुभांरभ किया।

मोदी के सपनों को पूरा करने के लिए सबको बनना होगा कर्मयोगी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में बड़े संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के आने से केवल उनमें पढ़ने वाले छात्रों का जीवन ही नहीं संवरता, बल्कि आसपास के क्षेत्र के लोगों के जीवन में भी बदलाव आते हैं। स्थानीय स्तर पर लोगों के आजीविका के संसाधन भी बढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में यूपीईएस की ओर से क्या योगदान दिया जा सकता है, इस दिशा में विवि को ध्यान देना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। पीएम मोदी के सपनों को पूरा करने के लिए हम सभी को कर्मयोगी बनकर कार्य करना होगा। आज दुनिया में भारत का मान, सम्मान और स्वाभिमान बढ़ा है। इस दौरान सीएम ने नई शिक्षा नीति के बारे में  भी बात की और सभी प्रदेशवासियों को गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं भी दीं।