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केंद्रीय बजट पर उत्तराखंड की हिस्सेदारी तय करेगा वित्त आयोग, अगले 5 साल की रूपरेखा भी होगी निर्धारित, जल्द उत्तराखंड आएगी वित्त आयोग की टीम

By on April 27, 2025 0 163 Views

देहरादून: केंद्रीय बजट में उत्तराखंड की हिस्सेदारी कितनी होगी? इस बात को तय करने के लिए 16वें वित्त आयोग की टीम जल्द उत्तराखंड आ रही है. वित्त आयोग का यह दौरा राज्य के लिए बेहद खास है और इसके लिए शासन ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. वित्त विभाग ने इस संदर्भ में प्रस्तुतीकरण को लेकर विभागीय जानकारी को भी जुटना शुरू कर दिया है.

उत्तराखंड में अगले 5 साल के दौरान केंद्रीय मदद का स्वरूप कैसा होगा इस बात को उत्तराखंड की तैयारी तय करेगी. दरअसल, राज्य में 16 वें वित्त आयोग की टीम जल्द आने वाली है. जिसके कारण शासन स्तर पर आयोग के सामने प्रस्तुतीकरण को लेकर तैयारियां भी तेज कर दी गई है. तमाम विभागों के साथ ही खास तौर पर वित्त विभाग इस पर कसरत कर रहा है. ताकि, वित्त आयोग के सामने मजबूती के साथ राज्य की वित्तीय जरूरतें और योजनाओं को रखा जा सके.

16 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया के साथ ही संभावित 12 सदस्य राज्य में वित्तीय मामलों पर चर्चा करने के लिए पहुंचेंगे. इसमें आयोग के चार सदस्यों के साथ ही आयोग के सचिव ऋत्विक पांडे और संयुक्त सचिव के के मिश्रा भी शामिल हो सकते हैं. फिलहाल, इस संदर्भ में वित्त आयोग के 12 प्रतिनिधियों के आने की सूचना उत्तराखंड सरकार को मिली है.

19 और 20 मई को उत्तराखंड आ सकती है वित्त आयोग की टीम

उत्तराखंड में वित्त आयोग राज्य की तरफ से वित्तीय जरूरतों की जानकारी लेगा और इस दौरान वित्त विभाग प्रदेश की तमाम योजनाओं का भी हवाला वित्त आयोग के सामने रखेगा. खास बात ये है कि अगले 5 साल के दौरान केंद्र से राज्य को कितनी मदद मिल पाएगी? इसके लिए वित्त आयोग की भूमिका अहम होगी.

उत्तराखंड को अपनी विभिन्न योजनाओं के लिए केंद्रीय मदद की बेहद ज्यादा जरूरत होती है, ऐसे में जरूरी होगा कि शासन स्तर पर वित्त आयोग के सामने ऐसे मजबूत प्रस्तुतीकरण को दिया जाए. ताकि, वित्त आयोग राज्य की बजट को लेकर डिमांड से संतुष्ट हो सके. उम्मीद की जा रही है कि आयोग 19 और 20 मई को उत्तराखंड का दौरा करेगा.

शासन स्तर पर केंद्र से मिले पिछले बजट का राज्य में किया गया. इस्तेमाल और राज्य की वित्तीय स्थिति के साथ ही उन योजनाओं को भी रखना होगा, जो प्रदेश के लिए बेहद जरूरी होगी. वित्त आयोग इस दौरान यह भी जानने की कोशिश कर सकता है कि केंद्र से पूर्व में मिले बजट का राज्य ने कितना सकारात्मक उपयोग किया है? वित्त आयोग को न केवल उत्तराखंड बल्कि, देश के तमाम दूसरे राज्यों में भी दौरा कर केंद्रीय बजट के आवंटन पर सिफारिश करनी होती है. जिसमें विभिन्न राज्यों की जरूरत के लिहाज से केंद्रीय बजट को विभिन्न राज्यों को उपलब्ध कराया जा सकें.