3000 करोड़ की चोरी रोकने का लक्ष्य, CM धामी ने सुझाया ये फॉर्मूला; जरा सी चूक पर नहीं मिल पाएंगी शराब की दुकानें, पढ़ें पूरी खबर
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बजट के सदुपयोग और राजस्व आमदनी बढ़ाने में स्वयं रुचि तो ले ही रहे हैं, विभागों को कर चोरी रोकने की हिदायत के साथ आय बढ़ाने का फार्मूला भी सुझा रहे हैं। राज्य कर और आबकारी जैसे महत्वपूर्ण विभागों ने पिछले वित्तीय वर्ष में लक्ष्य से अधिक राजस्व प्राप्त किया। चालू वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य पूरा करने में इन विभागों का विश्वास डोल रहा है। मुख्यमंत्री ने कर चोरी रोकने के प्रभावी उपाय सुझाते हुए न्यूनतम 1000 करोड़ और अधिकतम 3000 करोड़ की कर चोरी रोकने की जिम्मेदारी राज्य कर विभाग को सौंपी है।
राजस्व आय बढ़ाने के मोर्चे पर सीएम की नजर
वहीं, आबकारी विभाग को निर्देश दिए कि मदिरा की दुकानों के संचालकों से लक्ष्य के अनुरूप धनराशि जमा कराई जाए, अन्यथा अगले वर्ष उन्हें दुकानें आवंटित नहीं की जाएंगी। मुख्यमंत्री धामी के स्वयं राजस्व आय बढ़ाने के मोर्चे पर नजर रख रहे हैं।
परिणामस्वरूप पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में एसजीएसटी से 6200 करोड़ का राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य से कहीं अधिक 7341 करोड़ रुपये सरकार को प्राप्त हुए। वैट के रूप में नान जीएसटी के लक्ष्य 2204 करोड़ रुपये को पीछे छोड़कर राज्य कर विभाग ने 2555 करोड़ की राशि प्राप्त की।
इस प्रदर्शन के आधार पर वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए एसजीएसटी से राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य 8814 करोड़ रखा गया है। लक्ष्य की तुलना में अभी तक 5824 करोड़ की प्राप्ति हुई है। वैट से कर राजस्व लक्ष्य 2603 करोड़ की तुलना में 1674 करोड़ रुपये विभाग को मिले हैं।
कर चोरी रोकने को मजबूत करें अभिसूचना तंत्र
अब तीन महीने में शेष लक्ष्य को पूरा करने की चुनौती है। आगामी मार्च माह में लोकसभा चुनाव को देखते हुए आदर्श आचार संहिता लागू हो सकती है। मुख्यमंत्री ने राजस्व प्राप्ति की ओर बढ़ते कदमों के लिए कर विभाग की पीठ थपथपाई, लेकिन लगभग 3000 करोड़ के शेष लक्ष्य को पाने के लिए कर चोरी रोकने को कहा है।
अपर सचिव वित्त सी रविशंकर ने बताया कि मुख्यमंत्री ने राज्य कर विभाग को कर चोरी रोकने के लिए विभागीय अभिसूचना तंत्र और आडिट विंग को मजबूत करने के साथ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की सहायता लेने को कहा। परिवहन विभाग की ओर से सड़कों पर स्थापित की गई एएनपीआर प्रणाली का प्रभावी उपयोग करने को कहा है, ताकि कर चोरी पर अंकुश लगाया जा सके।
आबकारी राजस्व का लक्ष्य नहीं होगा कम
आबकारी विभाग ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में 3500 करोड़ रुपये के लक्ष्य की तुलना में 3526 करोड़ रुपये की प्राप्ति की। चालू वित्तीय वर्ष में विभाग के लिए 4000 करोड़ का लक्ष्य रखा गया है। नौ माह में विभाग ने 2953 करोड़ रुपये की वसूली की है।
आबकारी आयुक्त ने 4000 करोड़ के लक्ष्य को अधिक बताते हुए 3800 करोड़ रुपये ही प्राप्त करने की संभावना व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि लक्ष्य को विभाग की संस्तुति पर तय किया गया है। लिहाजा किसी भी सूरत में इसमें कमी नहीं की जाएगी।
आबकारी नीति अगली कैबिनेट बैठक में
मुख्यमंत्री ने विभाग को भी आइना दिखाया। उन्होंने प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों धारचूला, मुनस्यारी तक अवैध शराब की बिक्री की जानकारी सामने आने की बात कही। साथ ही ऋषिकेश व आसपास के प्रतिबंधित क्षेत्रों में भी अवैध रूप से शराब बिक्री की ओर से विभाग का ध्यान खींचा।
विभाग को इस पर प्रभावी ढंग से रोक लगानी चाहिए। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2024-25 की आबकारी नीति को मंत्रिमंडल की अगली बैठक में रखने के निर्देश भी दिए हैं। वित्त अपर सचिव सी रविशंकर ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप विभागों को राजस्व प्राप्त करने की रणनीति को धार देना होगा।