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नैनीताल दुग्ध संघ के पूर्व जीएम पर घोटाले के मामले में होगी कार्रवाई, शासन की जांच में भी पाए गए दोषी

By on September 20, 2024 0 65 Views

हल्द्वानी: नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ इन दिनों विवादों और चर्चाओं में है. संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा पर महिला से दुष्कर्म और उसकी बेटी के साथ छेड़छाड़ का मामला दर्ज है. मुकेश बोरा पुलिस से बचने के लिए फरार चल रहे हैं. दुग्ध संघ के पूर्व जीएम पिछले दिनों दूध संघ में हुए घोटाले में फंस चुके हैं. जीएम के खिलाफ अब शासन स्तर पर घोटाले में कार्रवाई होनी है.

नैनीताल दुग्ध संघ के पूर्व जीएम घोटाले में फंसे

वर्ष 2023 में दुग्ध संघ में टेंडर वितरण, सूचना प्रकाशन, पश्मीना रजाई खरीद और कमेटी के दक्षिण भारत भ्रमण के दौरान दुग्ध संघ का लाखों रुपया गलत तरीके से खर्च किया गया. घोटाले की जांच भी अब पूरी हो चुकी है. इसके बाद सामने आया है कि पूरे घोटाले के पीछे दुग्ध संघ के तत्कालीन जीएम का नाम सामने आया है. घोटाले की जांच रिपोर्ट को डेयरी विकास विभाग के निदेशक डॉ. संजय खेतवाल ने शासन को भेज दिया है. इस मामले में शासन की ओर से कार्रवाई की जानी है.

पूर्व जीएम शासन की जांच में पाए गए दोषी

निदेशक डेयरी विकास विभाग डॉ संजय खेतवाल ने बताया वर्ष 2023 में वार्षिक अधिवेशन के दौरान दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहित करने के लिए दिए जाने वाले समान के खरीदने टेंडर में अनियमिताएं, सूचना प्रकाशन, पश्मीना रजाई खरीद, कमेटी के दक्षिण भारत भ्रमण के दौरान दुग्ध संघ का लाखों रुपया गलत तरीके से खर्च किए जाने सहित घोटाले के नौ मामलों में जांच चल रही थी. जिसके बाद जनवरी 2024 में जीएम पर घोटाले के आरोप लगे और पद से हटा दिया गया.

डेयरी विकास निदेशक ने क्या कहा

पूरे मामले की जांच कुमाऊं कमिश्नर के साथ-साथ कई स्तर पर विभाग से भी कराई गई. जांच अनियमितताएं सामने आई हैं. निदेशक डॉ. संजय खेतवाल ने बताया कि ताजा जांच रिपोर्ट में घोटाले के आरोप सही पाए गए हैं. रिपोर्ट में तत्कालीन जीएम को जिम्मेदार माना गया है. जीएम के साथ ही प्रोक्यरमेंट विभाग के कुछ लोगों के नाम भी जांच रिपोर्ट में सामने आए हैं. जांच रिपोर्ट को शासन को भेज दी गई है. इस मामले में विभागीय कार्रवाई की संस्तुति शासन से होनी बाकी है.

डेयरी विकास विभाग के निदेशक संजय खेतवाल ने बताया कि पूर्व जीएम के वित्तीय अनियमितताओं और टेंडर संबंधित घोटाले की जांच कुमाऊं कमिश्नर के अलावा विभाग से भी कराई गई थी. पाया गया कि पूर्व जीएम द्वारा टेंडर प्रक्रिया के दौरान मानक को पूरा नहीं किया गया. गलत टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से कुछ लोगों को लाभ पहुंचाया गया है.

वहीं इस पूरे मामले में ईटीवी भारत ने नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के पूर्व जीएम निर्भय नारायण से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन नहीं उठाया.