सौंग बांध पेयजल परियोजना को लेकर की सीएम धामी ने बैठक, अधिकारियों को दिये, प्रभावित परिवारों को जल्द विस्थापित करने के निर्देश
देहरादून: प्रदेश सरकार की सबसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक सौंग बांध पेयजल परियोजना पर कार्रवाई अभी तक शुरू नहीं हो पाई है. ना ही अभी तक प्रभावित परिवारों का विस्थापन हो पाया है. जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में सीएम धामी अधिकारियों को सौंग बांध पेयजल परियोजना पर कार्य शुरू करने के लिए प्रभावित परिवारों के विस्थापन की कार्रवाई जल्द से जल्द करने के निर्देश दिए.
सौंग बांध पेयजल परियोजना से प्रभावित हो रहे दो जिलों के 275 परिवार
दरअसल, आज से ठीक दो साल पहले यानी 21 नवंबर 2022 को सौंग बांध परियोजना निर्माण को लेकर धामी सरकार ने बड़ा फैसला लिया था. जिसके तहत धामी मंत्रिमंडल की बैठक में सौंग बांध पेयजल बहुउद्देशीय परियोजना की पुनर्वास एवं पुनर्विस्थापन की नीति 2022 को मंजूरी दी गई थी. ऐसे में इस नीति के अनुसार ही सौंग बांध पेयजल परियोजना से प्रभावित देहरादून के एक गांव और टिहरी जिले के चार गांवों का पुनर्विस्थापन किया जाना है. इन पांच गांवों के प्रभावित परिवारों की संख्या 275 है. जिन्हें परियोजना के तहत विस्थापित किया जाना है.
करीब 11 लाख आबादी को रोजाना मिलेगा 150 एमएलडी पेयजल: देहरादून जिले में करीब 2021 करोड़ रुपए की प्रस्तावित सौंग बांध पेयजल परियोजना इसलिए भी काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि, इस परियोजना से साल 2053 तक देहरादून शहर और आस-पास के इलाकों में रह रहे करीब 11 लाख आबादी को रोजाना 150 एमएलडी पेयजल मिलेगा.
सौंग बांध से करीब 6 मेगावाट तक की बिजली का होगा उत्पादन
साल 2022 में ही केंद्रीय जल आयोग ने सौंग बांध पेयजल परियोजना के डिजाइन को मंजूरी दी थी. सौंग नदी पर बनने वाले सौंग बांध की ऊंचाई करीब 148 मीटर है. इससे करीब 6 मेगावाट तक की बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा. इसके लिए सौंग बांध के पास कुमाल्दा गांव में 6 मेगावाट क्षमता का बिजलीघर बनाया जाएगा.
सीएम धामी ने दिए ये निर्देश
वहीं, सीएम धामी के कहा कि जिन प्रभावित परिवारों को विस्थापित किया जाना है, उन प्रभावित परिवारों की सहमति के आधार पर जल्द से जल्द भूमि उपलब्ध कराई जाए. जिन परिवारों को विस्थापन किया जाएगा, उनके लिए सभी मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाए.
इसके साथ ही प्रभावित परिवारों से बातचीत कर उनकी सहमति के आधार पर सामुदायिक भवन, मंदिर, सड़क और अन्य जो कोई निर्माण करने की जरूरत हो तो काम किए जाएं. उन्होंने जमरानी बांध परियोजना के कार्यों में और तेजी लाने के भी निर्देश दिए.