मसूरी : भू-कानून और समान पेंशन लागू करने की मांग को लेकर राज्य आंदोलनकारियों ने किया प्रदर्शन
राज्य आंदोलनकारियों ने सोमवार को मूल निवास भू – कानून और राज्य आंदोलनकारियों को समान पेंशन लागू करने की मांग को लेकर शहीद स्थल पर धरना प्रदर्शन किया। आंदोलनकारियों ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
राज्य आंदोलनकारियों ने किया विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के तत्वाधान में आज शहीद स्थल पर आंदोलकारियों ने मांगों को लेकर जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शन कर रहे राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार से मांग की कि अतिशीघ्र विधानसभा सत्र बुलाकर आंदोलनकारी 10 प्रतिशत क्षेत्रिज आरक्षण अविलंब पास किया जाए।
प्रदर्शन में मौजूद राज्य आंदोलनकारी देवी गोदयाल ने कहा
कि भू कानून को अति शीघ्र लागू किया जाना चाहिए और मूल
निवास में सन 1950 से रहने वाले लोगों को वरीयता दी
जाए। उन्होंने कहा कि जिस अवधारणा से उत्तराखंड राज्य
की मांग की गई थी वह अब भी पूरी नहीं हो पाई है। जिस
वजह से राज्य आंदोलनकारियों को आज भी धरना प्रदर्शन
करना पड़ रहा है।
इस मौके पर वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी जयप्रकाश उत्तराखंडी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के गठन को 24 साल हो चुके हैं। लेकिन तब भी राज्य के लिए आंदोलन कर रहे थे और आज भी राज्य को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड को नौ
नवंबर 2000 में राज्य का दर्जा दिया गया था।
लेकिन झारखंड और छत्तीसगढ़ आज विकास की दौड़ में उत्तराखंड से बहुत आगे निकल चुके हैं। झारखंड में 1932 का मूल निवास लागू किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि आज राज्य आंदोलनकारी खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।