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कांग्रेस मे कलह का दौर, भाजपा मे सीएम चेहरा ढूँढने का शोर…
देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत हासिल करने के बाद भी एक तरफ जहां भापा मे सरकार के गठन और मुख्यमंत्री के नाम को तय करने के लिए कश्मकश जारी है वहीं कांग्रेस मे सर फुटव्वल होने को तैयार है। आपको बता दें इस बार भाजपा ने 47 सीट जीतकर बहुमत हासिल किया वहीं जीत का दावा करने वाली कांग्रेस सिर्फ 17 सीटों पर सिमट कर रह गई यहाँ तक की उत्तराखंड कांग्रेस के चुनव समिति के प्रभारी और पूर्व सीएम के अलावा प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को भी हार का सामना करना पड़ा है। प्रदेश मे कांग्रेस की सह प्रभारी दीपिका पांडे भी अपने पद से इस्तीफा दे चुकी हैं। हार के बाद प्रदेश मे भी सर फुटव्वल शुरू हो गया है । चुनाव में पूर्व सीएम हरीश रावत के अप्रत्याशित रूप से रामनगर सीट से दावेदारी पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने सवाल उठाए थे रावत ने पलटवार करते हुए ट्वीट करके प्रीतम को तो नसीहत की ही साथ में प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर भी परोक्ष रूप से हमला बोला।
रावत ने कहा कि प्रीतम ने एक बहुत सटीक बात कही कि आप जब तक किसी क्षेत्र में 5 साल काम नहीं करेंगे तो आपको वहां चुनाव लड़ने नहीं पहुंचना चाहिए। फसल कोई बोये काटने कोई और पहुंच जाए। लेकिन मैं तो चुनाव लड़ने के बजाय चुनाव प्रचार करना चाहता था। स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में राय दी गई कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए। इसके बाद मैंने रामनगर से चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की। वर्ष 2017 में भी वहीं से लड़ना चाहता था, पर रणजीत रावत की गुजारिश पर किच्छा चला गया था।मुझे रामनगर से चुनाव लड़ाने का फैसला भी पार्टी का था और मुझे रामनगर के बजाय लालकुआं विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाने का फैसला भी पार्टी का ही था। रावत ने खुलासा किया कि लालकुआं के हालत देख जब वहा से चुनाव लड़ने की अनिच्छा जाहिर की तो पार्टी प्रभारी ने पार्टी के सम्मान का हवाला देते हुए पीछे न हटने का अनुरोध करते हुए असहमति जता दी। यानि हार का शिकार हुई कांग्रेसमे अब दोष एक दूसरे के सर मंढे जा रहे हैं। लेकिन सवाल ये है की क्या कांग्रेस को चुनाव से पहले ये सब बातें नज़र नहीं आईं । क्या चुनाव से पहले पार्टी मे सब ठीक था ? इन सवालों के जवाब तो कांग्रेस के नेता ही दे सकते हैं। वहीं बीजेपी का कहना है की कांग्रेस मे पहले भी गुटबाजी थी और आज भी है।
वहीं उत्तराखंड में बहुमत हासिल कर चुकी भाजपा मे सीएम चेहरे की तलाश जारी है कई नामों पर मंथन जारी है। ऐसा भी हो सकता है की चर्चित चेहरोन्न के अलावा कोई नया चेहरा लाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सभी को चौंका दें । फिलहाल सीएम पद की रेस मे ये नाम सबसे आगे हैं
- सतपाल महाराज
- पुष्कर सिंह धामी
- सुबोध उनियाल
- अनिल बलूनी
- अजय भट्ट
- ऋतु खंडुड़ी