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कॉर्बेट में एक बार फिर बाघो की संख्या बढ़ गई।
रामनगर। कॉर्बेट में एक बार फिर बाघो की संख्या बढ़ गई। कॉर्बेट के अधिकारी अपनी पीठ थपथपाये नही थक रहे। पर इन बाघो से मिलने वाली चुनौतियों की इन्हें परवाह है या नही यह पता नही। लेकिन अधिकारी इस बात का ध्यान रखें कि यह बाघो की गणना 2022 की है। मतलब मार्च 2022 के आसपास इन बाघो की गणना का काम पूरा हो गया हो गया होगा। इससे कुछ पहले की पांखरो की एक घटना को तूल दिया जा रहा है। जिससे साबित करने की कोशिश हो रही है कि उस समय के अधिकारी बेकार थे। लेकिन मान्यवर बाघो की गणना के यह आंकड़े तो कुछ और ही कह रहे हैं। यह सब बातें किसी अधिकारी को बदनाम करने के लिए तो हो सकती हैं। लेकिन यह आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि तब भी वन एवं वन्यजीव संरक्षण के काम उतने ही मुस्तैदी से हुए, जो उससे पहले हुए। अभी तक की जो भी रिपोर्ट्स बाघ के पर्यावास को उजाड़ने और कई हजार पेड़ो को काटने की हैं, वह इस इस परिणाम से खुद ही बेमानी साबित हो रहे हैं। क्योंकि उस दौरान ना उस क्षेत्र में मानव के साथ वन्यजीवों के टकराव की ज्यादा घटनाएं हुई और ना ही ऐसा कोई पक्का निर्माण वहां पर देखने वाली बात हुई। बाघो की संख्या का बढ़ना किसी के लिए भी खुशी की बात हो सकती है। लेकिन कॉर्बेट में बाघो की केयरिंग कैपेसिटी पर कोई अधिकारी कुछ नही बोला। जबकि यह ज्वलंत प्रश्न है। एनटीसीए के अधिकारी भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। लेकिन यहां के किसी भी जिम्मेदार अधिकारियों ने उनसे यहां की मीडिया को रु ब रु नही कराया। यदि ऐसा होता तो शायद मीडिया ही उनसे इस बारे में कोई सवाल कर पाते।