भारत बंद के आह्वान पर रामनगर में विभिन्न संगठनों ने बंद में भागीदारी की।
संयुक्त किसान मोर्चा के 27 सितंबर को भारत बंद के आह्वान पर रामनगर में विभिन्न संगठनों ने बंद में भागीदारी की। भारत बंद के समर्थन में तमाम संवेदनशील व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान व दुकानें बंद रखकर अपना समर्थन दिया।
काले कृषि कानून रद्द करो, मजदूर विरोधी 4 लेबर कोड रद्द करो , डीजल-पेट्रोल, रसोई गैस के दाम आधे करो, की मांग के साथ भारत बंद का आह्वान संयुक्त किसान मोर्चा ने किया था। रामनगर में कार्यक्रम के शुरुआत में सभी लोग लखनपुर चुंगी पर इकट्ठा हुए और सभा की। सभा में वक्ताओं ने बोलते हुए कहा कि किसान आंदोलन केवल किसानों का आंदोलन नहीं रह गया है। इस आंदोलन ने जनता की उन सभी समस्याओं को उठाया है जिनसे आज आम जनता परेशान हैं। बढ़ती महंगाई ने जनता की कमर तोड़ दी है । पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस , सरसों का तेल का भाव इतना ज्यादा बढ़ गए हैं कि लोग त्राहि त्राहि कर रहे हैं । कोरोना काल में जनता की आमदनी घट चुकी है। लोग बेरोजगार हो गए हैं लेकिन मोदी सरकार आम जनता को राहत देने के बजाय पूंजीपतियों का कर्जा माफ कर रही है और उनको ही सरकारी संपत्तियां बेच रही है। मोदी सरकार केवल किसानों के विरोध में नहीं है बल्कि वह इस देश की समूची मेहनतकश जनता के विरोध में है। लोगों में हिंदू मुस्लिम के नाम पर सांप्रदायिकता फैला कर वोट बटोरने वाली इस फासीवादी सरकार को हमें जड़ से उखाड़ फेंकना होगा।
सभा के बाद सभी लोग जुलूस की शक्ल में बाजार में घूमे और जिन व्यापारियों ने किसानों के समर्थन में अपनी दुकानें बंद नहीं की उनको चेताया कि उनको भी किसान आंदोलन के समर्थन में आना चाहिए। नहीं तो इस सरकार के रहते उनकी भी रोजी रोटी को पूंजीपति छीन लेंगे। भवानीगंज रामनगर में जाकर कार्यक्रम समाप्त हुआ।
कार्यक्रम के दौरान मनमोहन अग्रवाल , प्रभात ध्यानी , पंकज ललित उप्रीति, भुवन, उबेद उल हक ,रवि, किशन, शेखर, मनिंदर सिंह सेठी , मदन ,रमेश ,गीता ललिता रावत ,सरस्वती, महेश जोशी, एस आर टमटा, लालमणि आदि तमाम लोग मौजूद रहे।
पंकज