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चाइनीज मांझा: हरिद्वार में एक दिन में 35 केस, दो लोगों की ले चुका जान, विवाद में नेता भी उलझे

By on February 5, 2025 0 28 Views

देहरादून: देशभर में बैन चाइनीज मांझा उत्तराखंड में कई लोगों की मौत का कारण बन चुका है. पुलिस लगातार चाइनीज मांझे को लेकर कार्रवाई कर रही है, लेकिन फिर भी चोरी छिपे उत्तराखंड के कई इलाकों में चाइनीज मांझा बिक रहा है, जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. हरिद्वार जिले की ही बात कर तो यहां पर एक दो नहीं बल्कि 30 से ज्यादा लोग चाइनीज मांझे का शिकार हुए हैं, जिसमें से दो लोगों की जान भी चली गई है.

पश्चिमी यूपी समेत उत्तराखंड के कई शहरों में बसंत पंचमी पर पतंग उड़ाई जाती हैं. इस दौरान बड़ी मात्रा में चोरी छिपे चाइनीज मांझा बिकता है. पुलिस ने भी बसंत पंचमी से पहले हरिद्वार जिले में चाइनीज मांझे को लेकर विशेष अभियान चलाया था. बावजूद इसके धरातल पर पुलिस के इस एक्शन को कोई असर नहीं दिखा. बीते सोमवार (तीन फरवरी) को हरिद्वार में रेलवे के जेई की चाइनीज मांझा से मौत के बाद पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

तीन फरवरी को हुई रेलवे के जेई की मौत

दरअसल, तीन फरवरी में रेलवे में जेई के पद पर तैनात सुलेख चंद अपनी पत्नी को ऋषिकेश एम्स में डॉक्टर को दिखाने गए थे. वहीं से लौटते समय बाइक पर सवार सुलेख चंद हरिद्वार में चाइनीज मांझे की चपेट में आ गए, जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गए. आनन-फानन में सुलेख चंद को हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया. इस घटना के अलावा भी बसंत पंचमी पर कई लोग चाइनीज मांझे की वजह से घायल हुए.

पहले भी एक व्यक्ति का चीनी मांझे से कट गया था गला

2 जनवरी 2025 में भी हरिद्वार में एक और घटना हुई थी. इस घटना में एक व्यक्ति के गले में अचानक से चाइनीज मांझा फंस गया था, जिससे उसका गला बुरी तरह कट गया था. हरिद्वार में राजा गार्डन के पास मांझे की चपेट में आने से अशोक कुमार नामक व्यक्ति की मौत हो गई थी. मृतक हरिद्वार में हाइड्रा चलाता था और यूपी के मुजफ्फरनगर का रहने वाला था. उपचार के दौरान उस व्यक्ति की भी हॉस्पिटल में मौत हो गई थी.

वहीं, बीती 20 जनवरी को हरिद्वार के कनखल क्षेत्र में सुमित कुमार मांझे की चपेट में आकर गंभीर रूप में घायल हो गया था. ये घटना तब घटी जब वो बाइक पर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के पास से जा रहा था. रास्ते में वो चाइनीज मांझे की चपेट में आ गया. घायल की गर्दन में गहरा जख्म होने के चलते उसकी सर्जरी की गई.

24 से ज्यादा लोग हुए घायल

इस घटना के बाद हरिद्वार पुलिस ने चाइनीज मांझे के खिलाफ शहर में विशेष अभियान चलाया था. बड़ी मात्रा में चाइनीज मांझे को जब्त कर उसे नष्ट भी किया था. बावजूद इसके दो फरवरी को बसंत पंचमी पर 24 से ज्यादा लोग चाइनीज मांझे का शिकार हुए. तीन फरवरी को तो एक व्यक्ति की मौत भी हो गई.

हाल फिलहाल में हुई कुछ घटनाओं पर नजर

दो फरवरी की कुछ घटनाओं पर नजर डालें तो हरिद्वार के धारवाली क्षेत्र में बाइक सवार व्यक्ति की गर्दन चाइनीज मांझे से बुरी तरह कट गई थी, जिसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. घायल का अभी भी उपचार चल रहा है. हरिद्वार कोतवाली क्षेत्र में ही बसंत पंचमी के दिन एक गाड़ी के टायर में चाइनीज मांझा उलझते हुए बच्ची में पैर में जा फंसा था, जिससे बच्ची का पैर पर बड़ा जख्म हो गया था.

इसके अलावा हरिद्वार कोतवाली से लेकर सप्त ऋषि चौकी कनखल और ज्वालापुर सहित कई इलाकों में पुलिस ने चाइनीज मांझा से एक के बाद एक कई घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया है. इतना ही नहीं, अब पुलिसकर्मी हाईवे और मुख्य सड़कों पर खड़े होकर लोगों से गाड़ी धीरे चलने और सावधानी बरतने की भी अपील करते हुए दिखाई दे रहे हैं.

एक दिन में 35 लोग चाइनीज मांझे से कटे

हरिद्वार जिला अस्पताल के कार्यवाहक प्रमुख डॉक्टर विकास दीप ने बताया कि एक ही दिन में चाइनीज मांझा से घायल हुए करीब 35 से ज्यादा इमरजेंसी केस उनके पास पहुंचे हैं, जिसमें से कुछ लोगों को तो उन्हें हायर सेंटर में रेफर करना पड़ा था. पुलिस ने भी इस तरह के मामलों में कार्रवाई की है. पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार कर जेल से जरूर भेजा है, लेकिन चाइनीज मांझा पर पूरी तरह के रोक लगाने में पुलिस नाकाम दिख रही है.

पुलिस की कार्रवाई

हरिद्वार जिले की रुड़की सिविल लाइन कोतवाली क्षेत्र में तो पुलिस ने चार लोगों को चाइनीज मांझे के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. इसमें नसीम (पुत्र यासीन), जगत सिंह (पुत्र कुंदन सिंह), विकास गोस्वामी (पुत्र भूषण गोस्वामी) और संजीव कुमार (पुत्र सत्यदेव) हैं. यह सभी लोग हरिद्वार जिले के आसपास के इलाकों के रहने वाले हैं.

पुलिस ने दी चेतावनी

हरिद्वार पुलिस की मानें तो ये मांझा देशभर में पहले से ही प्रतिबंधित है. लगातार ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जा रही है. हरिद्वार पुलिस कप्तान प्रमेंद्र डोबाल का कहना है कि रुड़की और हरिद्वार के आसपास के इलाकों में लगातार ऐसे लोगों पर निगरानी रखी जा रही है, जो पतंग के कारोबार से जुड़े हुए हैं. पुलिस की तरफ से साफ किया गया है कि यदि को भी व्यक्ति चाइनीज मांझा बेचता हुआ पकड़ा गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

पुलिस ने बताया कि,

इस मामले में BNS की धारा 125 और 223 के तहत मुकदमा दर्ज किया जा रहा है. धारा 125 के तहत किसी व्यक्ति की जान या सुरक्षा को जानबूझ कर डालने वाले कार्य को अपराध माना जाता है, इसमें 6 महीने की जेल या 5 हजार का जुर्माना है. जबकि धारा 223 सरकारी आदेशों का उल्लंघन करने से जुड़ी है. इसमें मात्र 2 हजार का जुर्माना या 6 महीने की जेल है.

क्यों अचानक क्यों आये इतने मामले?

दरअसल, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई इलाकों में बसंत पंचमी के दिन ही पतंग उड़ाई जाती है. इसमें खासकर सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और बिजनौर के इलाकों के साथ-साथ हरिद्वार जनपद शामिल हैं. बसंत पंचमी के दिन सबसे अधिक आसमान में इन्हीं इलाकों में पतंग देखी जाती है. हालांकि बसंत पंचमी से पहले ही यहां पर लोग पतंग उड़ाना शुरू कर देते हैं, लेकिन मुख्य दिन बसंत पंचमी ही होता है जब सबसे अधिक पतंग का कारोबार होता है. ऐसे में पुलिस के लिए यह एक चुनौती भी है, क्योंकि हर साल दिसंबर और जनवरी के महीने में इसी तरह से बाजारों में यह मांझा बिकता है.

नेता भी उलझ गए इसके विवाद में

बसंत पंचमी के दिन हरिद्वार से भाजपा के दो विधायक भी इस मांझे के फेर में तब पड़े जब दोनों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई. दोनों ही नेता मदन कौशिक और आदेश चौहान के पतंग उड़ाने की फोटो सामने आई है.

कांग्रेस के नेताओं ने सीधे तौर पर यह आरोप लगा दिए कि दोनों ही नेता प्रतिबंधित डोर से पतंग उड़ा रहे हैं, जिससे लोगों की जान जा रही है. हालांकि, बाद में इस पूरे मामले पर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के कुछ नेताओं पर हरिद्वार कोतवाली में उनके नेताओं की छवि धूमिल करने का मामला भी दर्ज करवाया है. इस पूरे मामले पर अब पुलिस जांच कर रही है.