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धामी का शतक : धरातल तैयार, अब विकास पथ पर तेजी से बढ़ाने होंगे कदम…
देहरादून: धामी सरकार आज सौ दिन का कार्यकाल पूरा करने जा रही है। इस अवधि में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुआई में सरकार ने दृष्टिपत्र के माध्यम से जनता से किए वायदों को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाकर अपने इरादे जाहिर किए। कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए। साथ ही वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के दृष्टिगत विकास का खाका तैयार किया। अब सरकार के सामने जन अपेक्षाओं और केंद्र सरकार के भरोसे पर खरा उतरने का दारोमदार रहेगा। यानी, धरातल तैयार हो चुका है और अब राज्य को विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर करने की चुनौती सरकार के सामने रहेगी। इसमें ही सरकार के कौशल की परीक्षा होगी।
मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी ने पिछली सरकार में अपने छोटे से कार्यकाल में छाप छोड़ी थी।
यही कारण रहा कि खटीमा से चुनाव हारने के बावजूद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने धामी पर ही भरोसा जताते हुए उन्हें राज्य की दोबारा कमान सौंपी। गुरुवार को सरकार के सौ दिन पूरे हो रहे हैं। इस अवधि में सरकार ने पांच साल के लिए कार्ययोजना बनाने की दिशा में कार्य किया तो कई महत्वपूर्ण निर्णय लेकर यह दर्शाया कि उसने जो वायदे किए हैं, उन्हें पूरा करने को वह दृढ़संकल्पित है।
समान नागरिक संहिता
मुख्यमंत्री धामी ने विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा की थी। धामी सरकार ने पहली ही कैबिनेट में इसका निर्णय लेते हुए समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ कमेटी के गठन का निर्णय लिया। यह कमेटी गठित हो चुकी है, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। इस कदम से सरकार ने अन्य राज्यों को भी संदेश देने का प्रयास किया।
बेहतर कार्यसंस्कृति
राज्य के चहुंमुखी विकास को बेहतर कार्यसंस्कृति आवश्यक है। इस दिशा में सरकार ने सरलीकरण, समाधान व निस्तारीकरण के मूलमंत्र पर चलते हुए व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के प्रयास शुरू किए हैं। सचिवालय में सोमवार को नो मीटिंग डे रखा गया है, ताकि अधिकारी जनता से मिलने को उपलब्ध रहें। जिला स्तरीय अधिकारियों के लिए सोमवार से शुक्रवार तक सुबह दो घंटे का समय जनता से मिलने को तय किया गया है।
भ्रष्टाचार पर सख्त रुख
धामी सरकार भी भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति पर चल रही है। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने को 1064 एप लांच किया गया है। साथ ही यह स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार के किसी भी प्रकरण को सरकार सहन नहीं करेगी।
पलायन की रोकथाम
गांवों से पलायन की रोकथाम को सरकार ने ठोस कदम उठाने का इरादा जताया है। सीमांत क्षेत्रों में हिम प्रहरी योजना में पूर्व सैनिकों को बसाने में सहायता देने का निर्णय लिया गया है। पिछड़े क्षेत्रों के विकास पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। होम स्टे समेत अन्य योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण आर्थिकी को संवारने की दिशा में कदम उठाए गए हैं।
केंद्र की योजनाओं पर बड़ा दारोमदार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव है। उनके पिछले आठ साल के कार्यकाल में राज्य को एक लाख करोड़ से अधिक की योजनाएं मिली हैं। इस कड़ी में केदारपुरी नए कलेवर में निखर चुकी है, जबकि बदरीनाथ धाम में भी पुनर्निर्माण कार्य शुरू हो गए हैं। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट पर तेजी से कार्य चल रहा है। राज्य को विभिन्न शहरों के लिए बाइपास रोड के साथ ही अन्य कई सौगात मिली हैं।