उत्तराखंड में 190 अवैध मदरसों का भंडाफोड़, यूपी और दूसरे राज्यों से हैं पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चे
देहरादून : प्रदेश में अवैध मजारों के बाद धामी सरकार ने अवैध मदरसों को लेकर अभियान शुरू कर दिया है. प्रदेशभर में अभियान जारी है. सीएम धामी का कहना है कि, चाहे वो अवैध मदरसे हो या अतिक्रमण, उत्तराखंड में ऐसा किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मदरसों के सत्यापन का कार्य अल्पसंख्यक विभाग देखेगा, जिसके लिए आदेश दे दिए गए हैं. डीएम और एसपी भी सत्यापन अभियान चलाएंगे.
जांच के बाद हकीकत आई सामने: उत्तराखंड सरकार ने अवैध मदरसों को चिन्हित करने की जिम्मेदारी उत्तराखंड पुलिस और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को दी है. इसके बाद उत्तराखंड पुलिस की एलआईयू यूनिट प्रदेश भर में मदरसों की जानकारी खंगाल रही है. राजधानी देहरादून के साथ उधम सिंह नगर और नैनीताल जिले के हल्द्वानी से जो जानकारी सामने आई है, वो बेहद चौंकाने वाली है. कई जिलों में दर्जनों अवैध मदरसे संचालित हैं.
उधम सिंह नगर में हैरान करने वाले आंकड़े: अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के निदेशक राजेंद्र कुमार का कहना है कि राज्य सरकार की तरफ से जिला प्रशासन को जांच के आदेश दिए गए थे. अब हर जिले के जिलाधिकारी इस बारे में शासन को जल्द ही रिपोर्ट सौंपेंगे. अभी जिलाधिकारी के स्तर से जो जानकारियां सामने आई हैं, उसको शासन को भेजना बाकी है.
आंकड़ों के मुताबिक, अकेले उधम सिंह नगर में ही 129 मदरसे अवैध चल रहे हैं, जिसमें हजारों की तादाद में बच्चे पढ़ रहे हैं. 2 दिन पहले नैनीताल जिले के हल्द्वानी में भी जांच के दौरान 26 मदरसे अवैध रूप से संचालित होते पाए गए. इन मदरसों का ना तो कोई पंजीकरण है और न ही विभाग के पास इनकी कोई जानकारी है. वहीं इन मदरसों में पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चे उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के हैं.
राजधानी देहरादून के आंकड़े
देहरादून में अबतक 35 मदरसे अवैध रूप से संचालित होते पाए गए हैं, जिसकी जानकारी शासन-प्रशासन को मिल चुकी है. जिलाधिकारी की तरफ से कराई जा रही जांच के बाद यह जानकारी सामने आई है. देहरादून जिले में पाए गए 35 अवैध मदरसों में-
- अकेले विकास नगर क्षेत्र में 18 अवैध मदरसे स्थित हैं.
- इसके अलावा डोईवाला में 6, कालसी में 1 स्थित है.
- वहीं, देहरादून शहर के आसपास 10 अवैध मदरसे मिले हैं.
- इन मदरसों में लगभग 3 हजार बच्चे पढ़ रहे हैं.
वहीं, राजधानी देहरादून में कुल 90 अवैध मदरसे मौजूद हैं, जिसमें 9 हजार से ज्यादा छात्र पढ़ रहे हैं. देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल के मुताबिक, सभी आंकड़े इकट्ठे किए जा रहे हैं. जो भी गैर पंजीकृत मदरसे चल रहे हैं, उनको तत्काल प्रभाव से बंद किया जाएगा. इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि किसी भी छात्र का साल या पढ़ाई बर्बाद ना हो.
ये जानकारी भी जुटा रही पुलिस: उत्तराखंड पुलिस के प्रवक्ता नीलेश आनंद भरणे का कहना है कि-
अभी तक 190 अवैध मदरसों का पता चला है. जांच के दौरान इन अवैध मदरसों की आय का स्रोत और कहां से फंडिंग मिल रही, इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है. इतना ही नहीं, वह कौन लोग हैं, जो यह मदरसे चला रहे हैं और पंजीकरण अब तक क्यों नहीं करवाया? ये भी जांच में शामिल है.
–नीलेश आनंद भरणे, प्रवक्ता, उत्तराखंड पुलिस-