सीएम धामी ने किया चारधाम यात्रा के लिए पुस्तिका और कैलेंडर का विमोचन, यात्रा के लिए करेगा प्रेरित
देहरादून: उत्तराखंड चार धाम की यात्रा साल 2024 के नवंबर महीने में संपन्न होने के बाद शीतकालीन चार धाम यात्रा जोरों- शोरों से चल रही है. अभी तक 31 हजार से अधिक श्रद्धालु शीतकालीन चारधाम यात्रा के दर्शन कर चुके हैं. वहीं, साल 2025 में अप्रैल-मई महीने में चारधाम की यात्रा शुरू होने जा रही है. ऐसे में आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों में उत्तराखंड सरकार और बदरी केदार मंदिर समिति जुट गया है. इसी क्रम में बीकेटीसी ने चारधाम यात्रा को लेकर सात भाषाओं में पुस्तिका और कैलेंडर तैयार की है. जिसका सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बीते दिन विमोचन किया. इसके अलावा, 5 फरवरी को ऋषिकेश में चारधाम यात्रा प्रबंधन एवं नियंत्रण संगठन की बैठक होने जा रही है.
उत्तराखंड चारधाम यात्रा शुरू होने में अब महज कुछ ही महीने का वक्त बचा है. यही वजह है कि उत्तराखंड सरकार ने चारधाम से संबंधित व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने की कवायद में जुट गई है. 5 फरवरी यानि आज 11:30 बजे चारधाम यात्रा प्रबंधन एवं नियंत्रण संगठन के अध्यक्ष एवं गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में होने जा रही है. बैठक में पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, पीडब्ल्यूडी विभाग, एनएच, ऊर्जा विभाग, खाद्य विभाग और चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं से जुड़े विभागों के अधिकारी शामिल होंगे.
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि साल 2025 में 30 अप्रैल से उत्तराखंड चारधाम की यात्रा शुरू हो जाएगी. दरअसल, 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया है और अक्षय तृतीया के दिन ही गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. इसके साथ ही आगामी 26 फरवरी को शिवरात्रि के दिन केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय की जाएगी, जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय कर दी गई है. जिसके तहत 4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे.
चारधाम यात्रा की तैयारी को लेकर बीकेटीसी ने पुस्तिका और कैलेंडर तैयार किया है. पुस्तिका सात भाषाओं में तैयार की गई है. चारधाम यात्रा के लिए तैयार की गई पुस्तिका में चारधाम से संबंधित तमाम जानकारियां दी गई हैं. इस मौके पर सीएम धामी ने कहा कि कैलेंडर और देश की सात भाषाओं में तैयार पुस्तिका देश भर के श्रद्धालुओं को चारधाम यात्रा के लिये प्रेरित करेगा. कहा कि प्रकाशित कैलेण्डर और पुस्तिका शीतकालीन यात्रा को भी बढ़ावा देने में मददगार होगी.