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प्रदेश में फॉरेस्ट फायर रोकने के लिए मॉक ड्रिल, दून में सीएम धामी रहे मौजूद, अफसरों को सख्त निर्देश
देहरादून: उत्तराखंड राज्य में हर साल हो रही वनाग्नि की घटनाएं राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है, जिसको देखते हुए राज्य सरकार की ओर से तमाम पहल की जा रही है ताकि फायर फोरेस्ट की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके, इसी क्रम में गुरुवार को आपदा विभाग की ओर से राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया.
सीएम धामी की अध्यक्षता में हुई मॉक ड्रिल अभ्यास बैठक
मॉक ड्रिल के दौरान उत्तराखंड में वन अग्नि नियंत्रण को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा की गई. साथ ही रोड मैप तैयार किया गया कि किस तरह से वन अग्नि पर लगाम लगाई जाए. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से आयोजित मॉक ड्रिल का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अवलोकन किया.
अधिकारियों को दिशानिर्देश
इसके साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए समय से सभी तैयारियां पूरी कर ली जाए.। बता दें कि उत्तराखंड का 71 फीसदी भूभाग वन क्षेत्र से घिरा हुआ है, यही वजह है कि जंगलों में आग लगने के दौरान न सिर्फ जंगलों को काफी क्षति पहुंचती है बल्कि वन्य जीवों के साथ ही जान माल का भी काफी नुकसान होता है.
पूरे प्रदेश में वनाग्नि नियंत्रण मॉक ड्रिल का आयोजन
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मॉक ड्रिल का आयोजन पूरे प्रदेश के अंदर किया जा रहा है. पिछले सालों के भीतर उत्तराखंड में जो वन अग्नि की घटनाएं हुई है उसे देखते हुए गृह मंत्रालय, एनडीएमए और पीएम ऑफिस की विशेष सहायता से सभी विभागों को लेकर मॉकड्रिल का आयोजन किया गया. इस मॉकड्रिल में सभी जिलों के अधिकारी जुड़े हुए हैं. वन अग्नि की घटनाओं पर पूरी तरह से लगाम लगे इसके लिए स्वयं सहायता समूह, युवा, छात्र, युवक मंगल दल, महिला मंगल दल के साथ ही जन प्रतिनिधि मिलकर जागरूकता अभियान चलाएंगे. साथ ही वन अग्नि के पिछले अनुभव के आधार पर योजना तैयार की जाएगी.