Breaking News
  • Home
  • राजनीति
  • सीएम धामी से मिले भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चाहर, किसानों के इन मुद्दों पर हुई चर्चा

सीएम धामी से मिले भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चाहर, किसानों के इन मुद्दों पर हुई चर्चा

By on March 4, 2025 0 8 Views

देहरादून: भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, लोकसभा सांसद एवं उत्तराखंड संगठन महोत्सव के केंद्रीय पर्यवेक्षक राजकुमार चाहर ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से देहरादून स्थित उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने उनसे संगठन एवं किसान कल्याण से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की.

सीएम धामी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर इस मुलाकात के बारे में पोस्ट किया है. सीएम धामी ने कहा कि- ‘शासकीय आवास पर भाजपा किसान मोर्चा के माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष, लोकसभा सांसद एवं उत्तराखण्ड संगठन पर्व के केंद्रीय पर्यवेक्षक श्री @Rajkumarchahar9 जी से भेंट हुई। इस दौरान उनसे संगठन और किसान कल्याण से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई।’

किसानों के लिहाज से महत्वपूर्ण है मुलाकात

ये मुलाकात इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है कि एक दिन पहले ही उत्तराखंड की धामी सरकार ने कैबिनेट बैठक में किसानों को लेकर कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास किए हैं. कैबिनेट की बैठक में गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया. उत्तराखंड कैबिनेट ने गन्ने की अगेती 375 फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 375 रुपए प्रति कुंतल घोषित किया. सामान्य गन्ने का समर्थन मूल्य 365 रुपए प्रति कुंतल घोषित किया है.

धामी सरकार बना चुकी भू कानून

उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सरकार भू कानून को भी पास कर चुकी है. भू कानून का सबसे ज्यादा असर किसानों पर ही पड़ना है. ऐसे में राजकुमार चाहर के साथ सीएम धामी की मुलाकात की काफी मायने निकाले जा रहे हैं. धामी सरकार द्वारा विधानसभा से पास कराए गए भू कानून के अनुसार आवासीय उपयोग के लिए 250 वर्गमीटर भूमि खरीदने के लिए शपथ पत्र जरूरी होगा. अगर राज्य से बाहर के लोग उत्तराखंड में जमीन लेना चाहें, तो उन्हें एफिडेविट देना होगा और मकसद बताना होगा. इसके साथ ही उत्तराखंड के 11 जिलों में बाहरी लोग खेती और बागवानी के लिए जमीन नहीं ले सकेंगे. हालांकि हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर जैसे कृषि प्रधान जिलों को इससे बाहर रखा गया है. भू कानून के अनुसार पहाड़ी इलाकों में जमीन पर नए सिरे से बात होगी.