
बैंक की मशीन में भी नहीं पकड़ मे आते थे नकली नोट, मगर चूना लगाने पर छूट जाता था रंग, पुलिस भी देखकर रह गई दंग, नकली नोट का रंग
गोरखपुर: नकली नोट के धंधे में पकड़ा गया देवरिया का राहुल सिंह अपने बेटे अवनीश और साथी चांद मोहम्मद के साथ छह साल से नकली नोटों का धंधा चला रहा था। देवरिया के जग्गा के पकड़े जाने के बाद कुछ दिन मामला शांत रहा, मगर फिर सब ठगी का धंधा भी करने लगे। इसी ठगी के धंधे को चमकाने के चक्कर में एक वीडियो बनाया गया, जिसमें केमिकल की मदद से काले रंग के कागज से नोट बनाए जाने की बात कही। उस वीडियो को चांद मोहम्मद ने बनाया। यह खूब वायरल भी हुआ। यही वायरल वीडियो पुलिस के हाथ लगा, जिसके बाद पुलिस नकली नोट छापने वालों तक पहुंची और तीनों को जेल भेजा। दरअसल नकली नोट के मामले में पकड़ा गया राहुल सिंह, देवरिया में गिरोह चलाने वाले जग्गा उर्फ जगरनाथ के साथ मिलकर यह अवैध धंधा चलाता था। जग्गा नकली नोट छापने में माहिर था। राहुल ने साथ रहकर पहले नकली नोट छापना सीखा। जब गगहा इलाके में नौ अक्तूबर 2022 को जग्गा नकली नोट बनाने के मामले में पकड़ा गया, तो राहुल स्वतंत्र रुप से यह अवैध धंधा करने लगा।
पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे डिमांड के आधार पर नकली नोट छापते थे। पहले से नोट छापकर नहीं रखते थे, क्योंकि इसमें पकड़े जाने का डर था। हालांकि इतनी सजगता के बावजूद पुलिस, आरोपियों तक पहुंच गई। जब ग्राहक नोट लेने को तैयार हो जाता था, तब उतने ही नोट छापते थे और फिर उसे खपा दिया जाता था।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि नकली नोट के अलावा आरोपी, ठगी का भी काम करते थे। काले कागज के साथ केमिकल बेचते थे। फिर लोगों से कहते थे, इस केमिकल को घर जाकर डाल देना, नोट बन जाएगा। इसके लिए काले रंग के कागज को इन लोगों ने 200 रुपये के नोट के साइज में काटकर रखा भी था, इसके लिए एक नोट के बदले 50 रुपये लेते थे।
आसानी से पकड़ में नहीं आ रहे थे नकली नोट
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि नोट को आसानी से नहीं पकड़ा जा सकता था। बैंक की मशीन में भी नोट नहीं पकड़ में आ रहे थे। इस पर चूना लगाने पर भी तत्काल रंग नहीं छोड़ रहा था। थोड़ी देर छोड़ने के बाद ही रंग छोड़ता था।
एसपी साउथ ने बताया कि नौ अक्तूबर 2022 को पुलिस ने देवरिया के गौरीबाजार थाना क्षेत्र के बर्दगोनिया सुदामा चौक निवासी जग्गा उर्फ जगरनाथ और गोरखपुर के गगहा थाना क्षेत्र के गडही निवासी विक्रम जायसवाल को गिरफ्तार किया था। तब भी यह बात सामने आई थी कि कुछ लोग और इस धंधे में जुड़े हैं, पुलिस जांच भी कर रही थी, लेकिन हाथ नहीं लगे थे।
कमीशनबाजी का भी खेल
नकली नोट खपाने में कमीशनबाजी के खेल का भी पता चला है। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों ने इसे स्वीकार भी किया है। एक आरोपी को दस हजार रुपये नकली नोट खपाने के एवज में तीन हजार रुपये देने का भरोसा मिला था। इसके बाद ही गांव के कई लोग इस काम में जुड़ गए थे। यह काम पिछले तीन महीने से तेजी से बढ़ा है।
चूना लगाने पर छूटा नकली नोट का रंग
आरोपियों के पास मिले नकली नोट को पहचानने में पुलिस के साथ ही बैंककर्मियों के भी पसीने छूट गए। बाद में आरोपियों से सख्ती से पूछताछ की गई, फिर पता चला कि नोट पर चूना लगाना पड़ेगा। चूना लगाते ही नोट का रंग छूटने लगेगा। लिहाजा, पुलिस ने चूना मंगाया और नोट पर लगा दिया। कुछ देर बाद नकली नोट से रंग छूटने लगा। पुलिस ने असली नोट पर भी चूना लगाकर देखा, लेकिन रंग नहीं छूटा। हालांकि असली नोट पर चूना लगाने की मनाही है।
पहले भी पकड़ा गया था मामला
गगहा पुलिस ने पहले भी नकली नोटों के साथ कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया था। मामले की छानबीन भी हुई थी, लेकिन पुलिस मुख्य आरोपी तक नहीं पहुंच सकी। अब दोबारा मामला सामने आया है। पुलिस का कहना है कि इस बार नकली नोटों से जुड़ी हर कड़ी तक पहुंचने की कोशिश होगी। गिरोह को खत्म किया जाएगा।
पहले भी पकड़े जा चुके हैं नकली नोट
3 जुलाई 2022: कैंट पुलिस ने बांसगांव के फफरुद्दीन और बिहार के राजन तिवारी को नकली नोटों के साथ पकड़ा।
एक दिसंबर 2020: बांसगांव पुलिस ने बेलघाट के बारपार निवासी धर्मपाल को एक लाख रुपये के नकली नोट के साथ पकड़ा।
एक दिसंबर 2020: सिकरीगंज इलाके में नकली नोट संग सब्जी व्यापारी गिरफ्तार, 233 नोट बरामद हुए।
30 अगस्त 2019: नकली नोटों के साथ बांसगांव इलाके में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया। एक महिला भी पकड़ी गई।
27 मई 2018: झंगहा एरिया में सौ-सौ रुपये के चार नोट संग देवरिया, पोखरा निवासी पप्पू निषाद को पुलिस ने पकड़ा। वह कई दिनों से रुपये, मार्केट में चला रहा था।
7 मार्च 2018: राजघाट इलाके में शातिर त्रिभुवन सिंह और उसके साथी यूनुस को गिरफ्तार करके पुलिस ने नकली नोट सहित अन्य सामान बरामद किए।
04 दिसंबर 2019: देवरिया, रामपुर कारखाना में नकली नोट संग तीन लोग पकड़े गए। सौ- सौ रुपये के 49,990 रुपये बरामद हुए।
12 अप्रैल 2016: गोरखनाथ इलाके के हुमायूंपुर मोहल्ले में पुलिस ने अक्षय यादव को गिरफ्तार किया। स्कैनर और प्रिंटर के जरिए वह नकली नोट छापकर मार्केट में चलाता था।