
पीयूष जैन ने न0 2 मे कर दिया कमाल, बरामद हुआ (9257 करोड़ कैश, 15 किलो सोना, 50 किलो चांदी) तगड़ा माल
कन्नौज: इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर आवास पर जीएसटी की विजलेंस टीम ने टैक्स चोरी के शक में छापा मारा था. यहां 185 पर करोड़ों रुपये नकदी बरामद करने के बाद जांच टीम कन्नौज के छिपट्टी मोहल्ला स्थित पीयूष जैन के पैतृक आवास पहुंची थी. बीते तीन दिनों से जीएसटी विजलेंस टीम इत्र कारोबारी के मकान के अलग-अलग हिस्सों, दफ्तर व कारखाने में छानबीन करने में जुटी है. पीयूष जैन के दो अन्य मकानों का ताला तोड़कर भी अफसर जांच पड़ताल किया है.
जीएसटी विजलेंस टीम के 36 अफसर जांच में जुटे हुए हैं
कानपुर आवास से 185 करोड़ रुपए की नगदी मिलने के बाद पीयूष जैन के कन्नौज स्थित पैतृक आवास से भी रकम मिलने का सिलसिला जारी है. यहां जीएसटी विजलेंस टीम के 36 अफसर जांच में जुटे हैं. मकान के अंदर अलमारियों, लॉकर्स को तोड़कर जांच टीम ने नकदी बरामद की है. खबर लिखे जाने तक जांच अधिकारी 15 अलमारियां व 20 ताले तोड़ चुके हैं. सूत्रों की माने तो जीएसटी विजलेंस टीम को पीयूष जैन के घर से बोरों में भरे नोटों का जखीरा मिला है. यहां से 9 ड्रम संदल, करीब 72 करोड़ की नगदी बरामद हुई है. भारी मात्रा में सोना और चांदी भी बरामद होने की सूचना है.
पीयूष जैन के कानपुर-कन्नौज आवास से 257 करोड़ मिले
शनिवार रात से ही नोट गिनने की तीन मशीनें पीयूष जैन के कन्नौज आवास में लगी हैं. अब तक कानपुर और कन्नौज स्थित आवास से बरामद कैश का जोड़ 257 करोड़ रुपए ठहरता है. इसके अलावा जीएसटी विजलेंस टीम द्वारा पीयूष के पैतृक आवास से 15 किलो सोना और 50 किलो चांदी बरामद करने की खबर भी है. नोटों की गिनती जारी है. छापेमारी के दौरान जांच टीम को कुछ डायरी और बिल भी मिले हैं. इनमें कई कंपनियों से कच्चा माल खरीदने और बेचने का जिक्र है. जीएसटी विजलेंस टीम अब इन कंपनियों से संपर्क कर बिल और डायरी में दर्ज जानकारी की तस्दीक करेगी.
मकान के अंदर तहखाना, बोरियों में भरकर रखे गए रुपये
इत्र कारोबारी के यहां जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है नए-नए खुलासे हो रहे हैं. जांच में पता चला है कि पीयूष जैन के कन्नौज स्थित मकान में तहखाना है. इसमें बोरियों में रुपये भरकर रखे गए हैं. इसके अलावा मकान की दीवारों में नोटों की गड्डी और गहने छिपाकर रखने की बात सामने आई है. पूरे मकान की दीवारों में जगह-जगह नोट या गहने छिपाकर रखने की आशंका के चलते डीजीजीआई की टीम ने लखनऊ के पुरातत्व विभाग के अफसरों से संपर्क किया है. पुरातत्व विभाग की टीम उपकरणों के माध्यम से नोट, गहने आदि का पता लगाएगी.