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“मोदी देश चला सकते हैं तो हम निगम क्यों नहीं” तर्क देकर चाय बेचने वाला लड़ रहा महापौर का चुनाव…

By on June 25, 2022 0 224 Views

रीवा: जिले में महापौर का चुनाव चर्चा का विषय बना हुआ है। क्योंकि रीवा के शिल्पी प्लाजा में चाय का ठेला लगाने वाला महापौर के चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने का फैसला लिया है और इसीलिए निर्दलीय पर्चा भर दिया है। चाय का ठेला लगाने वाले का मानना है कि जब एक चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री बन कर देश चला सकता है तो मैं भी चाय वाला हूं रीवा नगर निगम क्यों नहीं चला सकता।

नगर निगम में 14 प्रत्याशी मैदान में

रीवा नगर निगम में महापौर अनारक्षित सीट पर 14 प्रत्याशी मैदान में उतर चुके हैं। अब राजनीतिक चुनाव प्रचार भी तेज हो गया है। चुनावी वादे और दावे के साथ नेता भी चुनाव मैदान पर दिखाई दे रहे हैं। सभी प्रत्याशी जनसंपर्क भी शुरू कर दिया है। इन सभी के बीच एक चाय वाला चुनाव मैदान में है जो चर्चा का विषय बना हुआ है। और सुर्खियां बटोर रहा है।

 चाय के ठेले ने दी पहचान

चाय का ठेला लगाने वाला राम चरण शुक्ला रीवा के मेन बाजार शिल्पी प्लाजा में पिछले 20-22 साल से चाय का चाय का ठेला लगा कर चाय बेच रहे हैं। लेकिन इस बार वह भी रीवा नगरीय निकाय में महापौर पद के प्रत्याशी हैं। नामांकन फार्म जमा करने के बाद तेजी के साथ जनसंपर्क शुरू कर कर दिया है‌। शहर की मूलभूत समस्याओं को मुद्दा बनाकर राम चरण शुक्ला चुनाव मैदान में उतार चुके हैं। आम जनमानस शहर वासियों का उन्हें ज्यादा से ज्यादा समर्थन मिल रहा है। ठेले में चाय बेचने वाले रामचरण का कहना है 20-22 वर्षों से चाय का ठेला लगा रहे हैं। ठेले में चाय बेचने के वजह से ही शहर की 80 परसेंट नागरिकों से उनका सीधा संपर्क होता है। अब जो भी चाय पीने आता है उससे वो वोट की अपील करते हैं और चाय पिलाते हैं।

रीवा नगर निगम में दूसरे चरण मे

मध्यप्रदेश में नगरी निकाय चुनाव का पहला चरण 6 जुलाई को और दूसरा चरण का मतदान 13 जुलाई को होगा। पहले चरण के परिणाम 17 जुलाई और दूसरे चरण के परिणाम 18 जुलाई को जारी किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री मोदी को मानते हैं आदर्श

चाय का ठेला लगाने वाला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना आदर्श मानते हैं। उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी प्रेरणा से ही चाय वाले ने भी राजनीति में आने की ख्वाहिश बना ली। नगरी निकाय महापौर का चुनाव ने उन्हें ये मौका भी दे दिया है। चाय बेचने वाले का कहना है अगर एक चाय वाला देश का प्रधानमंत्री बन कर देश चला सकता है तो मैं भी रीवा नगर निगम को चला सकता हूं।

स्वयंसेवक संघ से सीधा सरोकार

चायवाला लगभग 40 वर्षों से सामाजिक कार्य भी कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से इनका सीधा संपर्क भी है। लेकिन चाय वाले ने निर्दलीय के तौर पर ही चुनाव लड़ रहे हैं। रीवा नगर निगम में जब से प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव होने लगे हैं तब से लेकर अब तक महापौर पद पर बीजेपी का कब्जा है। नगर में चल रहे विकास कार्यों से जनता की नाराजगी भी सामने आ रही थी ऐसे में रीवा की जनता ने भी भाजपा और अन्य पार्टियों से इतर अपने नेता का चयन करने का मन बना लिया है।