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सीमा पार पाकिस्तान से भागकर आई सीमा हैदर को मिलेगी भारतीय नागरिकता ! जानें क्या कहता है कानून ?

By on July 12, 2023 0 287 Views

नई दिल्ली: पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर और उसके उत्तर प्रदेश निवासी सचिन को कोर्ट से जमानत मिल गई है. सीमा का दावा है कि उसने नेपाल के मंदिर में हिंदू-रीति रिवाज से शादी की है. उसने अपने बच्चों का और खुद का धर्म भी बदल लिया है. वह पाकिस्तान वापस नहीं जाना चाहती. सचिन के साथ भारत में ही रहना चाहती है. इसके लिए उसने सरकार से भारत की नागरिकता की गुहार लगाई है.

लेकिन अब सवाल यह उठता है कि क्या पाक महिला को भारतीय नागरिकता मिलनी चाहिए ? जानकारों के मुताबिक, पाकिस्तानी महिला सीमा को नागरिकता देने से पहले यह देखा जाएगा कि क्या उनकी शादी वैध है? यदि शादी वैध है और वह भारत की नागरिकता की मांग करती है तो सरकार मानवता या दया के आधार पर नागरिकता दे सकती है.

पहले भी कई ऐसे मामले आए हैं जिनमें पीड़ित अपने देश में वापस जाने से जान को खतरा बताकर सरकार से नागरिकता की मांग की थी. हालांकि, इस पर अंतिम फैसला सरकार को ही लेना है.

यदि महिला ने भारतीय नागरिक सचिन से शादी की है और वह वैध है तो सरकार को उसे नागरिकता देने में कोई दिक्कत नहीं होगी. हालांकि, पुलिस ने महिला पर अवैध रूप से भारत में आने का मामला दर्ज किया है, उसकी जांच अलग चलती रहेगी. लेकिन महिला अगर यहां की नागरिकता के लिए मांग करती है तो उसे यह दी जा सकती है.

बच्चों के लिए उन्हें एडॉप्शन डील करानी पड़ेगी जिसके तहत बच्चों को उनके साथ रहने की परमिशन मिल जाएगी और आगे उन्हें भी नागरिकता मिल सकती है.

चलिए जानते हैं कानून के हिसाब से भारत का नागरिक कौन होता है और यहां की नागरिकता किस आधार पर मिलती है?

बता दें, भारत की नागरिकता चार तरीके से मिलती है.

जन्म से नागरिकता

> जन्म से भारत की नागरिकता उन्हीं लोगों को मिली हुई है जो 26 जनवरी 1950 से 1 जुलाई 1987 के बीच भारत में पैदा हुए, फिर चाहे उनके माता-पिता कहीं के भी रहने वाले हों.
> 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच पैदा हुए बच्चे जिनके मां या पिता जन्म के समय भारत के नागरिक हों.
> 3 दिसंबर 2004 के बाद पैदा हुए बच्चे जिनके मां या बाप जन्म के समय भारतीय नागरिक हों और दोनों में से कोई भी अवैध घुसपैठिया न हो.

रजिस्ट्रेशन से नागरिकता

> रजिस्ट्रेशन के माध्यम से भारत की नागरिकता उसे हासिल है जो भारतीय मूल का व्यक्ति आवेदन करने के 7 साल पहले से भारत में रह रहा हो.
> भारतीय मूल का कोई भी व्यक्ति जो अविभाजित भारत के अलावा किसी दूसरे देश में रह रहा हो.
> भारतीय नागरिक से शादी करने वाला व्यक्ति बशर्ते वो आवेदन से 7 साल पहले से भारत में रह रहा हो.
> भारतीय नागरिकों के 18 साल से कम उम्र के बच्चे

 वंशज होने के नाते

वंशज होने के नाते का अर्थ यह है कि वो व्यक्ति जिनके माता या पिता जन्म से भारतीय नागरिक हैं, लेकिन उनका खुद का जन्म किसी दूसरे देश में हुआ हो, वो भारत की नागरिकता हासिल कर सकता है.

 नैचुरलाइजेशन या देशीकरण

देशीकरण के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति अगर 12 साल तक भारत में रहे और नागरिकता के लिए आवेदन से पहले लगातार एक साल तक भारत में रहा हो उसे नागरिकता हासिल हो सकती है.

नागरिकता की बर्खास्तगी?

नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा-9 में किसी व्यक्ति की नागरिकता खत्म करने का भी जिक्र किया गया है. तीन तरीके हैं जिनके जरिए किसी व्यक्ति की भारतीय नागरिकता समाप्त हो सकती है.

> यदि कोई भारतीय नागरिक स्वेच्छा से किसी और देश की नागरिकता ग्रहण कर ले तो उसकी भारतीय नागरिकता स्वयं ही समाप्त हो जाएगी.
> यदि कोई भारतीय नागरिक स्वेच्छा से अपनी नागरिकता का त्याग कर दे तो उसकी भारतीय नागरिकता समाप्त हो जाएगी.

 भारत सरकार को भी निम्न शर्तों के आधार पर अपने नागरिकों की नागरिकता समाप्त करने का अधिकार है….

> नागरिक 7 वर्षों से लगातार भारत से बाहर रह रहा हो.
> यदि ये साबित हो जाए कि व्यक्ति ने अवैध तरीके से भारतीय नागरिकता प्राप्त की.
> यदि कोई व्यक्ति देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो.
> यदि व्यक्ति भारतीय संविधान का अनादर करे.

By आज तक via Dailyhunt