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देश मे बाघो की बात हो तो कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का नाम खुद ही जेहन में आ जाता है।

By on July 29, 2021 0 410 Views

आज ग्लोबल टाइगर डे है। देश मे बाघो की बात हो तो कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का नाम खुद ही जेहन में आ जाता है। जहां प्रोजेक्ट टाइगर लागू होने के बाद से अब तक बाघो की संख्या में लगातार इजाफा देखा जा रहा है। देश मे कम होती बाघो की संख्या से चिंतित भारत सरकार ने 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की। जिसके लिए कॉर्बेट को भी चुना गया। अब यह टाइगर रिजर्व दुनिया में बाघो के सबसे ज्यादा घनत्व के लिए जाना जाता है। कॉर्बेट को अब लोग बाघो की राजधानी के रूप में भी जानते हैं। यहां प्रत्येक 5 किलोमीटर पर एक बाघ पाया जाता है। बाघो का यह घनत्व वैज्ञानिकों के लिए भी शोध का विषय है। कॉर्बेट में बाघो की लगातार बढती संख्या वन विभाग के साथ ही स्थानीय लोगो को भी उत्साहित करती है। वन्यजीव प्रेमी इसे वन विभाग की कड़ी मेहनत का फल बताते हुए, यह जोड़ना नही भूलते कि इसमें स्थानीय लोगो का भी महत्वपूर्ण योगदान है। जिससे यहां लगातार बाघ बढ़ रहे हैं।