
‘जज साहब मैं जिंदा हूं…’ सुप्रीम कोर्ट में लड़के को क्यों देना पड़ा खुद के जीवित होने का सबूत?
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह एक विशेष अनुमति याचिका की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई। जब एक 11 वर्षीय लड़का कोर्ट के सामने हाजिर होकर बोला मैं जिंदा हूं। मामला लड़के की हत्या से जुड़ा है। लड़के ने कोर्ट में दावा किया कि उसके पिता ने उनके नाना और मामाओं को उसकी हत्या के मामले में झूठा फंसाया।
कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि अगले आदेश तक याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया जाएगा। इसके साथ ही अदालत ने यूपी सरकार, पीलीभीत एसपी और न्यूरिया पुलिस के एसएचओ को नोटिस जारी किया है। टीओआई की मानें तो याचिकाकर्ता के वकील कुलदीप जौहरी ने बताया कि लड़का फरवरी 2013 से अपने नाना के साथ रह रहा है। जानकारी के अनुसार उसका पिता दहेज के लिए मां को बेरहमी से पीटता था। वकील के अनुसार दोनों की शादी 2010 में हुई थी। वहीं मार्च 2013 में पिटाई के कारण लड़के की मां को गंभीर चोटें आईं इसके बाद अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
यह है मामला
उसकी मौत के लड़के के नाना ने अपने दामाद के खिलाफ आईपीसी की धारा 340 बी के तहत मामला दर्ज करवाया। इस बीच पिता ने लड़के की कस्टडी मांगी। जिस पर दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। वकील ने बताया कि लड़के के पिता ने इस साल जनवरी में उसके नाना और मामाओं के खिलाफ लड़के की हत्या का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 302, 504 और 506 के तहत मामला दर्ज किया।
मामले को लेकर वकील ने बताया कि उन्होंने एफआईआर को इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी। जिसके बाद लड़के को उसके जीवित होने के सबूत के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में पेश होना पड़ा। मामले की सुनवाई अगले साल जनवरी में होगी।