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बनभूलपुरा हिंसा की मजिस्ट्रियल जांच,अधिकारियों को नोटिस_पब्लिक भी दे सबूत

By on February 19, 2024 0 737 Views

हल्द्वानी में बनभूलपुरा हिंसा की मजिस्ट्रियल जांच कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत द्वारा की जा रही है जिसमें घटना के दौरान मौजूद सभी पुलिस,नगर निगम और प्रशासन के अधिकारियों से भी पूछताछ की जाएगी और यह जांच पूरी निष्पक्षता के साथ होगी उन्होंने बताया कि सभी अधिकारियों को उनके द्वारा नोटिस भेज दिए गए हैं और इस सप्ताह में उन सभी अधिकारियों से अलग-अलग दिन पूछताछ होगी उनसे लिखित जवाब भी मांगा जाएगा उन्होंने क्षेत्र की जनता के लिए भी घटना से जुड़े साक्ष्य पेश करने की बात कही है।

जिसके लिए उन्होंने मेल आईडी और फोन नंबर जारी किया है, लेकिन अभी तक उनके पास कोई भी व्यक्ति नहीं आया है उन्होंने बताया उनके पास जो भी साक्ष्य दस्तावेज या अन्य रूप में है उसकी जटिलताओं को देखते हुए इस पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए थोड़ा समय और लग सकता है।

वहीं, इस घटना से जुड़े तमाम अधिकारियों और घटना के दौरान मौजूद लोगों के भी बयान लिए जाएंगे. दीपक रावत ने कहा कि वो खुद घटनास्थल का निरीक्षण करेंगे. घटना की हर पहलू को बारीकी से देखा जाएगा. चाहे वो दस्तावेज हो या बनभूलपुरा थाना हो. इसके अलावा आगजनी में जो भी सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है, उसकी भी जांच की जाएगी. हर पहलू पर बारीकी से जांच की जाएगी, इसके बाद रिपोर्ट को शासन के पास भेजी जाएगी।

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने लोगों से अपील की है कि यदि किसी व्यक्ति को घटना से संबंधित कोई तथ्य, साक्ष्य या बयान दर्ज कराने हों तो वो एक हफ्ते के भीतर आयुक्त कुमाऊं मंडल नैनीताल के कैंप कार्यालय खाम बंगला (हल्द्वानी) में आ सकता है. जहां लोग कार्यालय की कार्य अवधि सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक अधोहस्ताक्षरी के समक्ष उपस्थित होकर साक्ष्य और बयान अंकित करा सकते हैं. इसके अलावा आयुक्त कैंप कार्यालय का दूरभाष नंबर – 05946 225589 ईमेल आईडी comm-kum-ua@nic.in पर शिकायत और संपर्क कर सकते हैं।

जानकारी के लिए आपको बताते चलें हल्द्वानी उपद्रव मामले में उत्तराखंड की मुख्य सचिव ने नैनीताल के हल्द्वानी के बनभूलपुरा थाना क्षेत्र में 8 फरवरी को हुई हिंसा की मजिस्ट्रेट जांच कुमाऊं कमिश्नर को सौंपने के आदेश दिए । मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने हिंसाग्रस्त क्षेत्र का उपद्रव के बाद को दौरा किया था। इसके बाद घटना की निष्पक्ष मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए। आदेश में कहा गया है कि कमिश्नर 15 दिन के भीतर शासन को जांच रिपोर्ट दें।