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कागजों मे फर्जी नाम, मौके पर नहीं निकली दुकान, पूर्ति विभाग का र्क्‍लक कर रहा था राशन घोटाला।

By on September 7, 2021 0 251 Views

रुद्रपुर। पूर्ति विभाग के कनिष्ठ लिपिक ने किच्छा में कागजों में राशन की फर्जी दुकान दिखाकर गरीबों का राशन निगल लिया। यही नही कोटेदारों को मानक से ज्यादा राशन भी दे दिया गया। इसका पर्दाफाश खाद्य कुमाऊं उपायुक्त की जांच में हुआ है। मामला डीएम के पास पहुंचा तो उन्होंने खाद्यान्न वितरण में लापरवाही बरतने के आरोप में लिपिक को सस्पेंड कर दिया। लिपिक को किच्छा का पूर्ति निरीक्षक का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। साथ ही पूर्ति निरीक्षक बाजपुर कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया। इसकी पुष्टि डीएसओ ने की है।

रुद्रपुर कलक्ट्रेट स्थित जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय रुद्रपुर में हीरा बल्लभ जोशी कनिष्ठ लिपिक थे। उन्हें किच्छा का पूर्ति निरीक्षक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। आरटीआइ कार्यकर्ता निखिलेश घरामी ने खाद्य आयुक्त कुमाऊं से सरकारी राशन वितरण में घोटाले की शिकायत कर जांच की मांग की थी। इस पर उपायुक्त खाद्य ने मामले की जांच की तो किच्छा मेें डीटीएम नाम से फर्जी दुकान कागजों पर संचालित पाया गया और राशन कार्डधारकों के नाम राशन का आवंटन भी किया जाता रहा। मगर धरातल पर दुकान नहीं पाई गई। दुकान ऑनलाइन भी दर्शाई गई थी।

 

फर्जी दुकान के नाम आवंटित राशन अन्य कोटेदारों को दे दिया जाता था। यहां तक कि दुकानों के आनलाइन हुए राशन कार्डों से जुड़े कुछ दस्तावेज भी नहीं मिले थे। ऐसे में डाटा के दस्तावेजों का पुनर्गठन भी नहीं किया गया था। इसकी रिपोर्ट डीएम को सौंपी गई। डीएम रंजना राजगुरु ने इसे गंभीरता से लेते हुए दस्तावेजों का पुनर्गठन न होना, डीटीएम के नाम से फर्जी राशन की दुकान मिलने, मानक से ज्यादा कुछ कोटेदारों को खाद्यान्न देने के आरोप में लिपिक को सस्पेंड कर दिया। मामले की जांच के लिए जल्द कमेटी गठित की जाएगी।

किच्छा में पिछले साल डीटीएम नाम से फर्जी दुकान चल रही थी और राशन कार्ड भी बनाए गए थे। इस दुकान को राशन बिना चालान के ही आवंटित कर दिया जाता था। जबकि नियम के तहत चालान जमा किया जाता है कि दुकान की लोकेशन के साथ ही राशन कार्डधारकों की संख्या का भी जिक्र किया जाता है। अन्य कोटेदारों को चालान जमा करने के बाद ही राशन आवंटित किया जाता रहा है। डीटीएम दुकान को पूर्ति निरीक्षक के आदेश पर ही राशन आवंटित कर दिया जाता था। डीटीएम किस जगह है, कोई पता नहीं। इस खेल में कुछ कर्मचारी व कुछ कोटेदार भी शामिल होने की आंशका जताई जा रही है।

करीब 12 राशन विक्रेताओं को मानक से अधिक राशन आनलाइन आवंटन कर दिया गया था। इसलिए इन कोटेदारों की भी जांच की जाएगी। जांच में जिम्मेदार कोटेदारों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। जांच का जिम्मा किस अधिकारी को मिलेगा, यह अभी तय नहीं हो पाया है। एक दो दिन में जांच समिति बनाई जा सकती है।

डीएसओ तेजबल सिंह ने बताया कि राशन वितरण में लापरवाही बरतने के आरोप में कनिष्ठ लिपिक को सस्पेंड कर पूर्ति निरीक्षक बाजपुर कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। लिपिक को किच्छा में पूर्ति निरीक्षक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।