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अलमोड़ा हादसे में 36 मौतों के बाद जागी पुलिस, ओवरलोडिंग वाहनों के खिलाफ पूरे प्रदेश में चलेगा अभियान, DGP ने बैठक में दिए पुलिस अधिकारियों को निर्देश

By on November 6, 2024 0 92 Views

देहरादून: अल्मोड़ा बस हादसे में 36 लोगों की मौत के बाद उत्तराखंड पुलिस नींद से जाग गई है. इसीलिए अब प्रदेशभर में ओवरलोडिंग वाहनों को लेकर अभियान चलाया जाएगा. इतना ही नहीं ओवरलोडिंग मामले में अब न सिर्फ ड्राइवर बल्कि वाहन मालिक और कंडक्टर के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज होगा. डीजीपी अभिनव कुमार ने इसको लेकर निर्देश भी जारी कर दिए है.

दरअसल, मगंलवार पांच नवंबर को क्राइम कंट्रोल और लॉ एंड ऑर्डर के साथ ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर डीजीपी अभिनव कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई. बैठक में परिक्षेत्र, जनपद प्रभारियों, पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ और रेलवेज के तमाम अधिकारी वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए जुडे.

बैठक के दौरान दस नवंबर से ओवरलोडिंग और डग्गामार वाहनों के साथ-साथ शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ भी सभी जिलों में अभियान चलाया जाएगा. साथ ही ओवरलोडिंग के कारण होने वाली सडक दुर्घटना में एसओपी में दिशा-निर्देशों के अनुसार वाहन मालिक, ड्राइवर और कंडक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाय. बता दें कि अल्मोड़ा बस हादसे का बड़ा कारण ओवरलोडिंग की बताया जा रहा है. क्योंकि 42 सीटर बस में 63 लोग सवार थे.

बैठक के दौरान अपराध नियन्त्रण और कानून व्यवस्था को लेकर सभी जनपद प्रभारियों को निर्देश दिए कि अपराधों का अनिवार्य रूप से पंजीकरण करने व अपराधों निम्नीकरण किसी भी दशा में न किया जाये. साथ ही अपराध दर में होने वाली बढोत्तरी और गिरावट के कारणों की थाना व सर्किल स्तर पर समीक्षा कर उनको दूर कर लिया जाये.

इसके अलावा संपत्ति की बरामदगी 61 प्रतिशत से नीचे प्रोफोर्म करने वाले जनपदों को सम्पत्ति की बरामदगी प्रतिशत में वृद्धि करने के लिए निर्देश दिये गये. मैदानी और पहाडी जनपदों के अपराध सम्बन्धी आंकडों का मूल्यांकन अलग-अलग किया जाए. वहीं, इनामी अपराधियों पर कार्रवाही और ऑपरेशन स्माइल में गुमशुदा लोगों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए अभियान चलाकर कार्रवाही करने के लिए निर्देश दिये.

इसके साथ ही पिछले 10 साल में ओवरलोडिंग के कारण हुई सड़क दुर्घटना के हाट स्पाट वाले स्थानों को चिन्हिकरण और सत्यापन करते हुए ऐसे स्थानों पर विशेष साइनएज बोर्ड, ग्लोइग बोर्ड, क्रेश बैरियर इत्यादि लगाए जाए. साथ ही धरना/जलूस प्रदर्शन के दौरान नेशनल हाईवे बाधित करने और रेल रोकने पर आमजनता को परेशानियों का सामना करना पडता है. ऐसे असामजिक तत्वों पर मुकदमा पंजीकृत किया जाये.

डीजीपी अभिनव कुमार ने बताया कि आगामी साल में चारधाम यात्रा को निर्बाध रूप से सम्पन्न कराने के लिए अभी से होमवर्क कर लिया जाये. इस सम्बन्ध में मुख्यालय स्तर से पहले से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए इलेक्ट्रानिक साइन बोर्ड लगाने, होल्डिंग एरिया कैपेसिटी व पार्किंग एरिया चिन्हित करने के लिए निर्देश दिए गए. साथ ही सभी जनपदों से 01 सप्ताह के भीतर चारधाम यात्रा के दौरान आने वाली समस्याओं और सुझाव प्राथमिकता के साथ उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया गया.