
धामी सरकार ट्राउट मछलियों के पालन के लिए किसानों को देगी आर्थिक मदद
देहरादून: ट्राउट मछली पालन के लिए उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में बेहतर संभावनाएं हैं. दरअसल ट्राउट मछलियां ठंडे और साफ पानी में मिलती है, ऐसे में ठंडे पर्वतीय क्षेत्रों में इस मछली के उत्पादन की बेहतर परिस्थितियों है. इसी को देखते हुए पिछले कुछ सालों में उत्तराखंड में इस मछली के उत्पादन को प्रोत्साहन दिया गया है और नतीजा यह रहा की अब कई मत्स्य पालक इसी मछली का बड़ी मात्रा में उत्पादन करने लगे हैं. यह मछलियां काफी महंगी बिकती है, इसलिए मत्स्य पालकों के लिए इसका उत्पादन करना फायदे का सौदा भी है.
बात यह है कि उत्तराखंड सरकार ट्राउट मछलियों के पालन को लेकर किसानों को आर्थिक मदद देने जा रही है. हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही कैबिनेट में ट्राउट प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दे चुके हैं, लेकिन अब भविष्य में इसके लिए और भी ज्यादा बजट मिलने की उम्मीद लगाई गई है. फिलहाल जल्द ही इसके लिए 200 करोड़ रुपए मत्स्य विभाग को मिलने वाले हैं, जिससे किसानों को भी इसका लाभ होगा. फिशरीज एंड एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के तहत नाबार्ड की मदद से राज्य को करीब 177 करोड़ रुपए इसके लिए मिल सकते हैं.
इसके जरिए राज्य में किसानों को मछली पालन के लिए तालाब बनाने को लेकर सब्सिडी दी जाएगी. इसमें किसानों को करीब 70% सब्सिडी देने की योजना है. यानी खर्चे में 70% राज्य सरकार द्वारा वहन की जाने वाली राशि होगी, जबकि किसान को केवल 30% राशि ही लगानी होगी. सचिव मत्स्य पालन विभाग बीवीआरसी पुरुषोत्तम के मुताबिक राज्य में ट्राउट फिश के उत्पादन को लेकर राज्य सरकार की तरफ से प्रयास किए गए हैं, खास तौर पर प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने इस क्षेत्र में राज्य के किसानों को ट्राउट फिश उत्पादन को लेकर प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए थे.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भी ट्रैवल प्रोत्साहन योजना की घोषणा पूर्व में कर चुके हैं, ऐसे में जल्द ही 200 करोड़ की राशि पहले चरण में मिलने जा रही है. इस योजना के तहत भारत सरकार के साथ एक अनुबंध भी किया गया है. बड़ी बात यह है कि राज्य में इस योजना के तहत आर्थिक मदद मिलने के बाद 200 मीट्रिक टन ट्राउट फिश उत्पादन में बढ़ोतरी होने का भी दावा किया गया है. उत्तराखंड में पर्वतीय जिलों के लिए ट्राउट मछलियों के पालन को लेकर आर्थिक मदद मिलना राज्य के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है.
खास बात यह है कि कई जगहों पर बैंड तालाब में प्राउड मछलियों के अनुकूल वातावरण को तैयार कर भी इन मछलियों का उत्पादन किया जा रहा है. इन मछलियों की कीमतों में बेहद ज्यादा बढ़ोतरी और डिमांड के कारण इनके उत्पादन को किसानों के लिए फायदेमंद माना जाता है.