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कॉर्बेट के कालागढ़ में बिना अनुमति निर्माण और पेड़ो को काटे जाने के मामले की जांच अब आईएफएस संजीव चतुर्वेदी को सोपी गई

By on November 7, 2021 0 284 Views

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ डिवीज़न में बिना अनुमति के कार्य किये जा रहे थे। जिसकी आंच दिल्ली में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण तक भी पहुंची। यह मामला अधिवक्ता गौरव बंसल द्वारा दिल्ली हाइकोर्ट में उठाया गया है। जिसकी जानकारी मीडिया से होने के बाद हाइकोर्ट नैनीताल ने भी संज्ञान लिया है।
ऐसे में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने यहां जांच की तो उसने यहां कई खामियां पाई। जिसमे बिना अनुमति काम के साथ ही यहां पेड़ो को काटे जाना भी पाया गया। जिस पर NTCA ने सख्त टिपण्णी की है।
पूरे मामले में यहां के डीएफओ किशन चंद पर आरोप लगे हैं। किशन चंद पहले से विवादित अधिकारी रहे हैं। जिन पर कई मामलों में जांच चल रही है। ऐसे में उन्हें कॉर्बेट में नियुक्ति देना किसी के गले नही उतर रहा था। कॉर्बेट जैसे प्रसिद्ध टाइगर रिजर्व में भी उन पर बिना अनुमति काम करने, पेड़ो के कटान समेत कई आरोप लगे हैं। जहां से वह एक बार फिर चर्चाओं में हैं। यहां यह कार्य कॉर्बेट के डायरेक्टर राहुल के बार बार मना करने के बाद भी जारी रहे। जिसने अब तूल पकड़ लिया है।
ऐसे में प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने पूरे मामले की जांच चीफ कंजरवेटर संजीव चतुर्वेदी को दी है। जिससे इस मामले में निष्पक्ष जांच की आस जगी है। संजीव चतुर्वेदी की छवि एक बहुत ईमानदार अधिकारी की है। इससे पूर्व वह कुछ दिनों के लिए कॉर्बेट के डायरेक्टर पद पर भी कार्य कर चुके हैं। तब उन्होंने यहां कई सख्त कदम उठाए थे। ऐसे में अब इस जांच की आंच में कई लोगो के आने की संभावनाएं हैं।