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195 वीं जयंती पर याद किये गए ज्योतिबा फुले..
रामनगर। प्रसिद्ध समाज सुधारक ,शिक्षाविद ज्योतिबा फुले को आज उनकी 195 वीं जयंती पर ज्योतिबाफुले सांयकालीन स्कूल पुछड़ी में विभिन्न कार्यक्रमों के साथ याद किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत ज्योतिबा फुले के चित्र पर माल्यार्पण से हुई। फिर विद्यालय के बच्चों द्वारा हम होंगे कामयाब गीत व अन्य बाल गीतों का सामूहिक वाचन किया ।उसके बाद विद्यालय के शिक्षक सुमित कुमार ने उनके जीवन के बारे में जानकारी देते बताया कि
महात्मा ज्योतिबा फुले का जन्म 1827 ई. में पुणे में हुआ था। एक वर्ष की अवस्था में ही इनकी माता का निधन हो गया। इनका लालन-पालन एक बायी ने किया। उनका परिवार कई पीढ़ी पहले सतारा से पुणे आकर फूलों के गजरे आदि बनाने का काम करने लगा था। इसलिए माली के काम में लगे ये लोग ‘फुले’ के नाम से जाने जाते थे। ज्योतिबा ने कुछ समय पहले तक मराठी में अध्ययन किया, बीच में पढाई छूट गई और बाद में 21 वर्ष की उम्र में अंग्रेजी की सातवीं कक्षा की पढाई पूरी की। इनका विवाह 1840 में सावित्री बाई से हुआ, जो बाद में स्वयं एक प्रसिद्ध समाजसेवी बनीं। दलित व स्त्रीशिक्षा के क्षेत्र में दोनों पति-पत्नी ने मिलकर काम किया वह एक कर्मठ और समाजसेवी की भावना रखने वाले व्यक्ति थे।सावित्रीबाई सांयकालीन स्कूल की शिक्षिका अंजलि रावत ने अपनी बात रखते हुए कहा ज्योतिबा फुले का मूल उद्देश्य स्त्रियों समाज के पिछड़े वर्गों को शिक्षा का अधिकार प्रदान करना, बाल विवाह का विरोध, विधवा विवाह का समर्थन करना रहा । फुले समाज की कुप्रथा, अंधश्रद्धा की जाल से समाज को मुक्त करना चाहते थे। अपना सम्पूर्ण जीवन उन्होंने स्त्रियों को शिक्षा प्रदान कराने में, स्त्रियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने में व्यतीत किया.१९ वी सदी में स्त्रियों को शिक्षा नहीं दी जाती थी। फुले महिलाओं को स्त्री-पुरुष भेदभाव से बचाना चाहते थे। उन्होंने कन्याओं के लिए भारत देश की पहली पाठशाला पुणे में बनाई। स्त्रियों की तत्कालीन दयनीय स्थिति से फुले बहुत व्याकुल और दुखी होते थे इसीलिए उन्होंने दृढ़ निश्चय किया कि वे समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाकर ही रहेंगे। उन्होंने अपनी धर्मपत्नी सावित्रीबाई फुले को स्वयं शिक्षा प्रदान की। सावित्रीबाई फुले भारत की प्रथम महिला अध्यापिका थीं।स्कूल के बच्चों ने ज्योतिबा फुले का चित्र बना उन्हें श्रधांजलि प्रदान की।इस मौके पर मनोनीत ग्राम प्रधान मो ताहिर,रचनात्मक शिक्षक मण्डल के संयोजक नवेन्दु मठपाल, कशिश,आरजू सैफी, अरसी,नन्दराम आर्य, बालकृष्ण चंद,प्रताप सिंह रावत,कमला रावत,गुंजन देवी,डॉली देवी,वीरपाल सिंह मौजूद रहे।