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मोदी कैबिनेट ने लिया जाति जनगणना कराने का फैसला, CM धामी ने बताया क्रांतिकारी कदम, कहा- पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाने में मिलेगी मदद

By on May 1, 2025 0 17 Views

देहरादून: केंद्र सरकार ने देश में जाति जनगणना यानी जातियों के आधार पर गणना कराने का फैसला लिया है. जिस पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिक्रिया दी है. सीएम धामी का मानना है कि इससे समाज के पिछड़े वर्ग के लोगों को मुख्यधारा में लाने की दिशा में मदद मिलेगी. वहीं, जातिगत जनगणना को लेकर कांग्रेस को आड़े हाथों भी लिया.

बता दें कि मोदी कैबिनेट ने बुधवार यानी 30 अप्रैल को जाति जनगणना का फैसला लिया. आज राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की ओर से लिए गए निर्णयों की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जनगणना केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आती है, लेकिन कुछ राज्यों ने सर्वेक्षण के नाम पर जातियों की गणना की है. ऐसे में फैसला लिया गया है कि जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए.

जाति जनगणना को लेकर सीएम धामी ने दी प्रतिक्रिया

वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जाति जनगणना को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र के दूरदर्शी और समावेशी नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनगणना के साथ जातीय जनगणना के निर्णय को स्वीकृति दी है. जो एक ऐतिहासिक और दूरगामी सोच का परिचायक है.

यह फैसला न केवल सामाजिक न्याय की भावना को बल देगा. बल्कि, देश की विविधतापूर्ण संरचना को समझने और सभी वर्गों के संतुलित विकास के ठोस नीति निर्माण में भी सहायक साबित होगा. उन्होंने कहा कि यह पहल ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ की भावना को और ज्यादा मजबूती प्रदान करती है.

सीएम पुष्कर धामी ने आगे कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिसमें जातिगत जनगणना को जनगणना प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा. यह निर्णय न केवल समाज के पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. बल्कि, यह सामाजिक समानता, सम्मान और न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक क्रांतिकारी एवं अहम कदम है.

जाति जनगणना को लेकर सीएम धामी ने कांग्रेस को घेरा है. साथ ही राजनीति करने का आरोप लगाया.

कांग्रेस ने दशकों तक जातिगत जनगणना का विरोध किया और इस मुद्दे पर हमेशा अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश की. इसका सबसे बड़ा उदाहरण यही है कि आजादी के बाद से आज तक जातिगत जनगणना कभी नहीं करवाई गई. कांग्रेस ने जातियों के बीच विभाजन को बढ़ावा देकर सिर्फ वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया.” पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड