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आजकल खेती कर रहे हरक सिंह रावत, बोले – मैं खुद को फेल पाता हूं…
देहरादून: पूर्व मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत का कहना है कि भाजपा सरकार में बतौर मंत्री वो फेल रहे। चूंकि जनता से किया मेडिकल कॉलेज बनाने का वादा पूरा नहीं कर पाए, इसलिए पार्टी की जिद के बावजूद कोटद्वार से विधानसभा चुनाव नहीं लड़े। खुद को भाजपा से निष्कासित किए जाने का दर्द हरक के सीने में अब भी जज्ब है। बकौल हरक, मैं भाजपा नहीं छोड़ना चाहता था लेकिन….। हरक ने मीडिया से अपने मन की बात खुलकर साझा की। पहले कांग्रेस सरकार और पिछली भाजपा सरकार में कृषि एवं उद्यान मंत्री रहे हरक ने कहा कि उद्यान सेक्टर में उत्तराखंड अपेक्षा के अनुसार काम नहीं कर पाया। सेब उत्पादन में उत्तराखंड आज भी पीछे है। कश्मीर और हिमाचल के बाद उत्तराखंड आता है। भाजपा सरकार में मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल को हरक ने स्वयं ही निराशाजनक माना है। बकौल हरक, मैं खुद को फेल पाता हूं।
उद्यान विभाग को कठघरे में खींचते हुए रावत ने कहा कि मैंने अपने खेत में शिमला मिर्च लगाई थी। उस पर कीड़ा लग गया। उद्यान विभाग के अधिकारी, यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ भी उस कीड़े का इलाज नहीं तलाश पाए। अब इससे ज्यादा और क्या कहा जाए? हरक ने दोहराया कि उनका भाजपा छोड़ने का कोई इरादा नहीं था। उन्होंने कहा कि भाजपा छोड़ने से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता मुझसे कोटद्वार से चुनाव लड़ने के लिए बार-बार कहते रहे, पर जनता से किए वादे नहीं निभा पाने की वजह से मैं मन नहीं बना पाया।
खेती कर रहे हरक सिंह
तीस वर्ष से ज्यादा लंबे सफल सियासी करियर वाले हरक सिंह इस वक्त खेती कर रहे हैं। हरक बीते विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। अपनी जगह उन्होंने अपनी बहू अनुकृति गुंसाई को लैंसडौन सीट से चुनाव लड़ाया था। लेकिन हरक की तमाम कोशिशों के बावजूद अनुकृति जीत नहीं पाईं। राजनीति में फिलहाल खुद को हाशिए पर देख हरक आर्गनिक खेती करते हुए समय बिता रहे हैं।