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रामनगर में “घटते रोजगार और भर्तियों में बढ़ता भ्रष्टाचार” विषय पर गोष्ठी
रामनगर ।ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) और इंकलाबी नौजवान सभा के संयुक्त तत्वावधान में रामनगर में “घटते रोजगार और भर्तियों में बढ़ता भ्रष्टाचार” विषय पर गोष्ठी का आयोजन व्यापार संघ कार्यालय, नागा बाबा मंदिर के समीप किया गया.
गोष्ठी की शुरुआत सांस्कृतिक टीम उज्यावक दगडी द्वारा आ गए यहां जवां कदम समेत अनेक अन्य जनगीतों से हुई।
गोष्ठी में बोलते हुए बतौर मुख्य वक्ता बोलते हुए एडवोकेट विक्रम मावड़ी कहा कि,केंद्र और राज्य सरकारों ने शिक्षा और रोजगार को अपनी जिम्मेदारी मानने से इंकार कर दिया है. नयी शिक्षा नीति पूरी तरह से शिक्षा को बड़े कॉरपोरट के हवाले करने की नीति के रूप में बनायी गयी है. और रोजगार को संविदा, ठेके से होते हुए फिक्स टर्म एम्पलॉयमेंट और काम के बारह घंटे की ओर धकेला जा रहा है.
सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश डोबरियाल ने कहा उत्तराखंड राज्य में तो गठन के बाद से ही उत्तराखंड के होनहार नौजवानों बेरोजगारों के रोजगार की राजनीतिक लूट का अड्डा बना हुआ है. सरकारी नौकरियों की भर्ती में लगातार घोटाले सामने आ रहे हैं और इसके खिलाफ राज्य के युवाओं का गुस्सा भी जगह जगह फूटता जा रहा है. युवा बेरोजगारों का सरकारी पदों में हुए घोटालों के खिलाफ इस भ्रष्ट भाजपा सरकार के खिलाफ उतरना स्वागत योग्य है. युवा आक्रोश राज्य की दिशा और दशा बदलने में कारगर भूमिका निभा सकता है.
युवा बेरोजगारों द्वारा सरकारी नौकरियों में घोटालों और यू.के.एस.एस.एस.सी.में राजनीतिक संरक्षण में हुई शर्मनाक धांधलेबाजी की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग बिल्कुल जायज है और राज्य सरकार को इसकी तत्काल घोषणा करनी चाहिए.
ऑल इंडिया एजेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया की अंजलि रावत ने कहा सरकारी रोजगार चौपट है और जब अंकिता जैसे बेरोजगार अपने परिवार की जीविका के लिए निजी रूप से प्रयास करते हैं तो उनके साथ जघन्य सुलूक किया जाता है. राजनीतिक संरक्षण में न जाने कितनी मासूम अंकिताओं की बलि चढ़ रही है. उन्होंने अंकिता हत्याकांड के दोषियों को कड़ी सजा की मांग की।साथ ही एल आई सी के निजीकरण पर रोक लगाने की मांग की।
कार्बेट नेचर गाइड यूनियन से जुड़ी दीक्षा करगेती ने कहा भर्ती घोटालों से राज्य का कोई भी संस्थान अछूता नहीं रहा है,
ट्रेड यूनियन नेता कैलाश पांडे ने कहा हल्द्वानी स्थित उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में तो स्वयं कुलपति ही खुद हाकम सिंह के रोल में उतर आए. उनके कार्यकाल में 150 से ज़्यादा फर्जी भर्ती के मामले सामने आए हैं. मुक्त विश्वविद्यालय भर्ती घोटाले में राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री की भी संदिग्ध भूमिका है इसीलिए भ्रष्टाचार के तमाम आरोपों के बाद भी तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद कुलपति का कार्यकाल बढ़ा दिया गया. उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में विभिन्न पदों पर राज्य हज़ारों युवाओं ने आवेदन किये थे लेकिन सभी पदों पर संघ और बीजेपी से जुड़े कार्यकर्ताओं और अधिकारियों के रिश्तेदारों की नियुक्ति कर दी गई. यानी उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में भर्ती के लिए योग्यता का पैमाना एकेडमिक क्वालीफिकेशन नहीं बल्कि संघ भाजपा से जुड़ाव बन गया है. यह योग्य अभ्यर्थियों के साथ किया गया आपराधिक सुलूक है जिसे किसी भी सूरत में माफ़ नहीं किया जा सकता है. प्रोफेसरों के 25 पदों पर बड़ा घोटाला करते हुए परमानेट भर्तियों में आरक्षण रोस्टर में हेरफेर कर चेहते उम्मीदवारों की भर्ती का रास्ता साफ किया गया.
पी एन जी महाविद्यालय के छात्र नेता सुमित कुमार ने कहा भ्रष्टाचार के खिलाफ और रोजगार के लिए छात्र युवा आंदोलन वक़्त की मांग है और इसमे आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा जैसे क्रांतिकारी छात्र-युवा संगठन महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. सरकारी नौकरियों की भर्ती में हुए घोटालों की जांच की मांग के साथ ही युवाओं को राज्य में हजारों खाली पदों पर तत्काल भर्ती की मांग भी उठानी चाहिए.
गोष्ठी में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किये गये:
1- सरकारी नौकरियों की भर्ती में घोटालों और यू.के.एस.एस.एस.सी.में राजनीतिक संरक्षण में हुई शर्मनाक धांधलेबाजी व उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में भर्ती की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की जाय.
2- राज्य में हजारों खाली पदों पर तत्काल पारदर्शी तरीके से भर्ती की जाय.
3- तीन साल से रिक्त पदों को समाप्त करने की घोषणा वापस लेते हुए उन पदों पर आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाय.
4- अंकिता मामले में अभियुक्तों को कड़ी सजा दी जाय और उत्तराखंड में लगातार बढ़ते महिला अपराधों पर रोक लगाने के कारगर उपाय किये जाएं. इस मामले में आपराधिक लापरवाही के लिए जिम्मेदार पौड़ी जिले के जिलाधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाय. अवैध रूप से बन और चल रहे रिसॉर्टों की जांच की जाय. साथ ही ऐसे रिसॉर्टों को परमीशन देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाय.
4- जगदीश हत्याकांड और इस बीच उत्तराखंड राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में घटित हुई बहुत सी दलित उत्पीड़न की घटनाओं ने हमारे समाज की जातिवादी विभाजन को बहुत वीभत्स तरीके से सामने ला दिया है. इसकी हम कड़ी भर्त्सना करते हैं और महसूस करते हैं कि इस तरह की जातिवादी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सरकार और समाज दोनों को मजबूती से आगे आना होगा.
प्रियांशु लखचोरा ने वर्तमान परिस्थितियों पर स्वरचित कविता सालों की मेहनत का परिणाम सुनाई।विचार गोष्ठी में मुख्य रूप से से सैफी पब्लिक स्कूल के प्रबंधक मो शाहनवाज,पीयूष कुमार,मो रिहान,उमेश कुमार,शीशपाल,महक अंज़ारी,जतिन राजपूत,अक्षित कुमार,निशा आर्या,कोमल,सचिन आर्या ,शुभम कुमार.मौजूद रहे.