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चारधाम यात्रा मार्गों पर 544 दुर्घटना संभावित स्थल चिह्नित, NHAI ने लोनिवि और BRO को भेजा पत्र

By on April 7, 2025 0 38 Views

देहरादून: उत्तराखंड में आगामी चारधाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए शासन ने व्यापक तैयारी शुरू कर दी है. इसके तहत प्रदेश के चार प्रमुख जिलों — देहरादून, टिहरी, चमोली और हरिद्वार में चारधाम यात्रा मार्गों पर 544 ऐसे स्थल चिह्नित किए गए हैं, जो दुर्घटना की दृष्टि से बेहद संवेदनशील हैं. इन स्थलों की पहचान सड़क सुरक्षा समितियों द्वारा किए गए सर्वेक्षण के आधार पर की गई है.

परिवहन मुख्यालय द्वारा इन दुर्घटना संभावित स्थलों को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI), सीमा सड़क संगठन (BRO) और लोक निर्माण विभाग (PWD) को पत्र भेजकर इनका शीघ्र समाधान करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही इन विभागों से कार्य पूर्ण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को भी कहा गया है.

देहरादून, टिहरी, चमोली और हरिद्वार जिलों में सड़क सुरक्षा समितियों ने गहन सर्वेक्षण कर ऐसे स्थलों को चिन्हित किया है जहां सड़क की बनावट, संकेतों की कमी, अंधे मोड़, टूटे बैरियर, गड्ढे, मलबा आदि के कारण दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है. रिपोर्ट के अनुसार टिहरी जिले में सर्वाधिक 297 दुर्घटना संभावित स्थल हैं, जबकि देहरादून के विकासनगर व ऋषिकेश क्षेत्र में 144, चमोली में 65 और हरिद्वार में 38 स्थल चिह्नित किए गए हैं.

इन मार्गों को सुरक्षित बनाने के लिए ट्रैफिक कामिंग उपाय, रंबल स्ट्रिप, चेतावनी संकेत, ब्लाइंड कर्व पर शीशे, क्रैश बैरियर की मरम्मत या स्थापना, सड़क पर रिफ्लेक्टर व मार्किंग, गड्ढों को भरने, मलबा हटाने तथा अनधिकृत मीडियन बंद करने जैसे सुधारात्मक उपायों की सिफारिश की गई है. सभी संबंधित विभागों को तय समयसीमा के भीतर यह कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि चारधाम यात्रा के दौरान यात्री सुरक्षित रूप से यात्रा कर सकें.

जिलेवार मार्गों पर चिन्हित दुर्घटना संभावित स्थल
हरिद्वार

दिल्ली-हरिद्वार-ऋषिकेश एनएच-334 : 23 स्थल

नजीबाबाद-हरिद्वार एनएच-34 : 04 स्थल

बहादराबाद-धनौरी-गागलहेड़ी एसएच-68 : 11 स्थल

चमोली

कमेड़ा से चमोली एनएच : 15 स्थल

चमोली से हेलंग एनएच : 21 स्थल

हेलंग से हनुमानचट्टी एनएच : 12 स्थल

टिहरी

मुनिकीरेती-कीर्तिनगर एनएच-7 : 79 स्थल

सुवाखोली-नगुण एनएच-30 : 13 स्थल

मुनिकीरेती-आगराखाल-चंबा-कमांद-नगुण एनएच-34 : 20 स्थल

चबाड़गांव से केमुंडाखाल एनएच-15 : 27 स्थल

घनसाली से केमुंडाखाल एनएच-15 : 20 स्थल

घनसाली से चिरबटिया एनएच-15 : 15 स्थल

लाटा से बुढ़ाकेदार एनएच-73 : 15 स्थल

सेंदुल-रजाखेत-घनसाली एनएच-69 : 47 स्थल

पीपलडाली-रजाखेत ग्रामीण मार्ग : 17 स्थल

रजाखेत-मदननेगी-मोटणा-लम्बगांव एनएच-15 : 29 स्थल

संतुरादेवी-कैम्प्टी-यमुनापुल एनएच-707ए : 09 स्थल

यमुनापुल-नैनबाग-दियाड़ी एनएच-707ए : 06 स्थल

देहरादून

बाड़वाला-जुड्डो-यमुनाब्रिज मार्ग : 38 स्थल

श्यामपुर-गुमानीवाला-नटराज चौक मार्ग : 35 स्थल

नटराज चौक-रानीपोखरी-डोईवाला मार्ग : 21 स्थल

नेपालीफार्म-श्यामपुर-आईडीपीएल-ऋषिकेश मार्ग : 50 स्थल

ट्रांसपोर्ट मुख्यालय ने पौड़ी, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों को भी शीघ्र अपनी रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं. चारधाम यात्रा के दौरान सबसे अधिक आवाजाही इन्हीं जिलों से होती है, इसलिए इन जिलों की सड़कों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना आवश्यक है.

सरकार चारधाम यात्रा को सुरक्षित, सुगम और व्यवस्थित बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है. प्रत्येक वर्ष हजारों श्रद्धालु इन मार्गों से होकर केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा पर निकलते हैं. ऐसे में दुर्घटना संभावित स्थलों का चिन्हांकन और समयबद्ध सुधार यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से एक सराहनीय कदम है.

प्रशासन का उद्देश्य है कि इस बार की चारधाम यात्रा बिना किसी बाधा और दुर्घटना के संपन्न हो और श्रद्धालु पूर्ण श्रद्धा व आस्था के साथ अपने आराध्य के दर्शन कर सकें.