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बधाणीताल झील की बदलेगी तस्वीर, पर्यटकों को मिलेगी बेहतर सुविधा, 3.36 करोड़ बजट स्वीकृत

By on May 15, 2025 0 111 Views

रुद्रप्रयाग: विकासखंज जखोली के अंतर्गत जिले के महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल में एक बधाणीताल के सौंदर्यीकरण एवं विकास के लिए 3.36 करोड़ की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है. जिससे क्षेत्र में पर्यटन को पंख लगने की उम्मीद है. झील के लिए वित्तीय स्वीकृति मिलने पर विधायक भरत सिंह चौधरी ने सीएम धामी का आभार व्यक्त किया है.

14 अप्रैल 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बधाणीताल पर्यटन एवं विकास मेले में आकर बधाणीताल को एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी. इसके लिए पर्यटन विभाग ने ग्रामीण निर्माण विभाग के साथ मिलकर बधाणीताल के सौंदर्यीकरण एवं विकास का खाका तैयार किया और डीपीआर तैयार कर शासन में स्वीकृति के लिए भेजी. शासन स्तर से बधाणीताल के सौंदर्यीकरण एवं विकास के लिए 3.36 करोड़ की स्वीकृति प्रदान करने के साथ ही वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 134.60 लाख जारी किए गए.

बधाणीताल के सौंदर्यीकरण का कार्य कार्यदायी संस्था ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जाएगा. विधायक भरत सिंह चौधरी ने कहा कि बधाणीताल जिले का एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल है. लम्बे समय से इसके सौंदर्यीकरण की मांग थी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता की इस मांग को पूरा किया है, जल्द ही इसका कार्य शुरू होगा. बधाणीताल एक खूबसूरत पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होगा और क्षेत्र के स्थानीय लोगों को बड़ा रोजगार का साधन बनेगा.

इसके साथ ही उन्होंने कहा की बरसीर-बधाणीताल के लिए 26 करोड़ की लागत से डामरीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य किया जा रहा है, जिससे आने वाले समय में पर्यटकों को सुगम यातायात का लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार क्षेत्र के विकास के लिए निरन्तर कार्य कर रही है.

जिले में सात हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित बधाणीताल झील है, जिसकी दूरी रुद्रप्रयाग से लगभग 60 से 62 किलोमीटर की दूर तो वहीं सड़क मार्ग से 200 मीटर पैदल मार्ग गांव के बीचों बीच से गुजरता हुआ झील तक पहुंचता है. यह झील भगवान विष्णु को समर्पित है. मान्यता है कि इस झील में पंचमी, मकर संक्रान्ति, पूर्णिमा, अमावस्या समेत विशेष पर्वों में स्नान से पुण्य मिलता है. यही कारण है कि विशेष पर्वों पर यहां दूर-दूर से श्रद्धालु और पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं और प्रतिवर्ष मेले का आयोजन भी किया जाता है.